बेसिक शिक्षा विभाग ने सीएम को भेजी रिपोर्ट - टीईटी धांधली की जांच कराने की सिफारिश
(UPTET : After Lathicharge on TET Candidates, CM office asked report from Basic Edu. Dept. UP, And a decision will be very soon)
•इस संबंध में जल्द हो सकता है निर्णय
News : Amar Ujala (22.3.12)
लखनऊ (ब्यूरो)। टीईटी का रिजल्ट निरस्त नहीं किए जाने की मांग को लेकर मौन जुलूस निकाल रहे अभ्यर्थियों पर आखिर किसके आदेश पर लाठी भांजी गई। पुलिस अधिकारी इसे मजिस्ट्रेट के कहने पर किया गया बता रहे हैं जबकि प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया, पुलिस ने खुद ही लाठी भांज दी। आला अफसर कहते हैं उन्हें जानकारी ही नहीं कि किसके कहने पर लाठी चली जबकि मौके पर मौजूद अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी मढ़ रहे हैं।
मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव को ज्ञापन देने जा रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर पानी की बौछार के साथ लाठीचार्ज किया था, जिसमें 25 युवक-युवतियां घायल हुए थे। मामले में गृह, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से जब बात की गई तो सामने आया कि लाठीचार्ज के आदेश किसी ने नहीं दिया। कानून-व्यवस्था के ऐसे किसी भी मौके पर लाठी या गोली चलाने के आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा ही दिए जाते हैं। बगैर मजिस्ट्रेटी आदेश के पुलिस यह कदम नहीं उठा सकती लेकिन लखनऊ पुलिस के लिए शायद यह नियम मायने नहीं रखते हैं।
•‘मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट ने ही आदेश दिए होंगे। चार घंटे से अधिक समय तक समझाने की कोशिश की गई, पर वे मान ही नहीं रहे थे।’- विजय भूषण(अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी)
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टीईटी अभ्यर्थियों पर नीति साफ करे सरकार : शाही
लखनऊ। टीईटी में हुई धांधली की उच्च स्तरीय जांच कराने की सिफारिश की गई
है। बेसिक शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री को भेजी दो पन्ने की रिपोर्ट में
कहा है कि इस प्रकरण में रमाबाई नगर पुलिस से जांच रिपोर्ट को प्राप्त कर
अनियमितताओं की शासन स्तर से जांच करा ली जाए। इन पहलुओं पर भी विचार किया
जाना चाहिए कि टीईटी पास अभ्यर्थी हाईकोर्ट जा सकते हैं। ऐसे में तमाम
विधिक बाधाओं का भी सामना करने से इनकार नहीं किया जा सकता। बेसिक शिक्षा
विभाग की इस रिपोर्ट के आधार पर पंचम तल पर मंथन चल रहा है। बताया जाता है,
इस संबंध में शीघ्र निर्णय कर लिया जाएगा।
टीईटी अभ्यर्थियों के हंगामे और लाठी चार्ज के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में टीईटी के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए टीईटी अनिवार्य कर दिया है। शासन स्तर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद को टीईटी कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया, कि तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षा के चलते परीक्षा कराने से इनकार दिया था।
इसके बाद फिर बेसिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री के बीच हुई वार्ता के आधार पर माध्यमिक शिक्षा परिषद 13 नवंबर को टीईटी कराने पर राजी हो गया। इसके पहले 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में 12वां संशोधन करते हुए पात्रता के स्थान पर अर्हता कर दिया गया। इसमें तय किया गया कि टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। टीईटी रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद ही अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं। इसकी जांच शासन स्तर से करा ली जाए।
टीईटी अभ्यर्थियों के हंगामे और लाठी चार्ज के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में टीईटी के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने कक्षा 8 तक के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी करते हुए टीईटी अनिवार्य कर दिया है। शासन स्तर पर माध्यमिक शिक्षा परिषद को टीईटी कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया, कि तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षा के चलते परीक्षा कराने से इनकार दिया था।
इसके बाद फिर बेसिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री के बीच हुई वार्ता के आधार पर माध्यमिक शिक्षा परिषद 13 नवंबर को टीईटी कराने पर राजी हो गया। इसके पहले 9 नवंबर को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में 12वां संशोधन करते हुए पात्रता के स्थान पर अर्हता कर दिया गया। इसमें तय किया गया कि टीईटी मेरिट के आधार पर ही शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। टीईटी रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद ही अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं। इसकी जांच शासन स्तर से करा ली जाए।
News : Amar Ujala (22.3.12)
किसने दिए थे लाठीचार्ज के आदेश
(पुलिस ने बगैर मजिस्ट्रेटी आदेश के टीईटी अभ्यर्थियों पर भांजी थीं लाठियां)-------------लखनऊ (ब्यूरो)। टीईटी का रिजल्ट निरस्त नहीं किए जाने की मांग को लेकर मौन जुलूस निकाल रहे अभ्यर्थियों पर आखिर किसके आदेश पर लाठी भांजी गई। पुलिस अधिकारी इसे मजिस्ट्रेट के कहने पर किया गया बता रहे हैं जबकि प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया, पुलिस ने खुद ही लाठी भांज दी। आला अफसर कहते हैं उन्हें जानकारी ही नहीं कि किसके कहने पर लाठी चली जबकि मौके पर मौजूद अफसर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी मढ़ रहे हैं।
मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव को ज्ञापन देने जा रहे टीईटी अभ्यर्थियों पर पुलिस ने हुसैनगंज चौराहे पर पानी की बौछार के साथ लाठीचार्ज किया था, जिसमें 25 युवक-युवतियां घायल हुए थे। मामले में गृह, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से जब बात की गई तो सामने आया कि लाठीचार्ज के आदेश किसी ने नहीं दिया। कानून-व्यवस्था के ऐसे किसी भी मौके पर लाठी या गोली चलाने के आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा ही दिए जाते हैं। बगैर मजिस्ट्रेटी आदेश के पुलिस यह कदम नहीं उठा सकती लेकिन लखनऊ पुलिस के लिए शायद यह नियम मायने नहीं रखते हैं।
किसने क्या कहा -
•‘यह काम फील्ड में तैनात अफसरों का होता है। इसमें गृह विभाग की ओर से कोई निर्देश नहीं दिए जाते।’
-दीपक कुमार, गृह सचिव
• ‘मेरी जानकारी में नहीं है कि किसने आदेश दिए। मौके पर पुलिस व प्रशासन दोनों के ही अधिकारी मौजूद थे।’
- आशुतोष पांडेय, डीआईजी/एसएसपी
•‘मेरी जानकारी में तो लाठी के इस्तेमाल के आदेश नहीं दिए गए न मैंने दिए, न
किसी अन्य अधिकारी ने। लाठी का इस्तेमाल खुद ही किया होगा।’- अनिल कुमार( एडीएम पूर्वी)•‘मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट ने ही आदेश दिए होंगे। चार घंटे से अधिक समय तक समझाने की कोशिश की गई, पर वे मान ही नहीं रहे थे।’- विजय भूषण(अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी)
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टीईटी अभ्यर्थियों पर नीति साफ करे सरकार : शाही
cm of pls take a responsibility after all umemployed person is u'r .........
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