UPTET : टीईटी के रिजल्ट पर आज हो सकता है फैसला
लखनऊ (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 के रिजल्ट पर फैसला
बुधवार को होने की उम्मीद है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने हाई पावर कमेटी
की बैठक बुलाई है। इसमें टीईटी जांच रिपोर्ट को रखा जाएगा। गौरतलब है कि
टीईटी में धांधली का आरोप है। रमाबाई नगर की पुलिस को जांच में भारी
गड़बड़ी मिली थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थियों का एक
प्रतिनिधि मंडल मिला था। उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर
कमेटी बना कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। बताया जाता है कि मुख्य सचिव
बुधवार को बैठक के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देंगे।
News : Amar Ujala (18.4.12)
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UPTET Raebareli : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने मांगी भीख , कई दफ्तर पहुंचे, बीएसए को सौंपा ज्ञापन
रायबरेली में मंगलवार को भिक्षाटन के दौरान विकास भवन में भीख मांगते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
रायबरेली। उत्तर
प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय आह्वान पर जिले के
अभ्यर्थियों ने मंगलवार को हाथ में कटोरा लेकर भीख मांगी। शहीद चौक पर जुटे
इन अभ्यर्थियों ने सफेद शर्ट पहन रखी थी और गले में टीईटी का प्रमाणपत्र
भी लटका रखा था। कई दफ्तरों में भीख मांगी और फिर जिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
शहीद चौक पर
जुटे अभ्यर्थियों की पहले सभा हुई। इसमें मोर्चा के जिलाध्यक्ष शशांक
त्रिवेदी ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार हमारे साथ न्याय नहीं करती है और
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र नहीं शुरू करती है तो हम सभी टीईटी धारक ईंट
से ईंट बजा देंगे। अवध किशोर ने कहा कि आज प्रत्येक टीईटी उत्तीर्ण धारक
जोश में है। इसलिए समय रहते प्रदेश सरकार को चेत जाना चाहिए। सभा के बाद
हरिमोहन एवं अभिषेक के प्रस्ताव पर अभ्यर्थी हाथ में कटोरा लेकर डिग्री
कॉलेज चौराहा, फायर स्टेशन, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, कलेक्ट्रेट, कोषागार,
डीएम कार्यालय व विकास भवन में भीख मांगने निकले। इन्होंने भीख के साथ
न्याय का आशीर्वाद भी मांगा। एसपी ने जहां मांगों का समर्थन किया, वहीं
डीएम ने मांगों को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। अभ्यर्थियों ने मुख्य
विकास अधिकारी से भी मुलाकात की। उन्होंने भी ज्ञापन को शासन तक पहुंचाने
का भरोसा दिया। इस अवसर पर सुमन सिंह, गीता, वंदान, नेहा, अर्चना, रोहित,
इमरान, रामेंद्र, राम विलास व अन्य लोग मौजूद रहे।
News : Amar Ujala (18.4.12)
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UPTET : टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हताशा के शिकार
मैनपुरी : गत वर्ष तेरह नवम्बर को पूरे प्रदेश में करायी गयी शिक्षक
पात्रता परीक्षा यानी टीईटी का भविष्य कोर्ट में लटका हुआ है। कोर्ट द्वारा निर्णय में विलंब से टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके लोग हताश दिखायी दे रहे हैं। ज्ञातव्य है कि गत वर्ष प्रदेश स्तर पर प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति के
लिए तत्कालीन बसपा सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाया था।
इसी परीक्षा को माप दण्ड बनाकर प्रदेश भर के विभिन्न प्राइमरी स्कूलों में
72825 शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया था। परीक्षा के
तत्काल बाद में धांधली और गड़बड़ी शुरू हो गयी। तीन बार परीक्षा परिणाम में
हेर-फेर हुआ । कई परीक्षार्थियों के अंक घटे-बढे। अन्ततोगत्वा घोषित
परिणाम के बाद माध्यमिक शिक्षा के सचिव संजय मोहन और कुछ अन्य लोग जेल गये।
तब से ये मामला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधीन पड़ा हुआ है। मामले की सुनवाई कर रहे जज
इसकी तारीखें बढ़ाते रहे हैं। किन्तु का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। चन्द्र
प्रकाश मिश्र का कहना है कि टीईटी परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की
नियुक्ति सरकार का एक उचित फैसला है। अब इस प्रक्रिया में ज्यादा विलंब
नहीं किया जाना चाहिए। टैट पास कर चुके राकेश कुमार तर्क देते हैं कि जब
संजय मोहन का नाम एफआइआर में है ही नहीं तो फिर उनके खिलाफ आरोप पत्र कैसे
दाखिल किया जा सकता है। इसलिए नई सरकार विवेक से काम ले और इस परीक्षा को
निरस्त करने के बजाय केवल दोषियों के विरुद्ध कदम उठाये। सुधीर
मिश्र कहते है कि सपा सरकार को इतना बड़ा जन समर्थन मिलना यह सिद्ध करता
है कि प्रदेश शिक्षित बेरोजगारों ने उन्हें अपना मत दिया है। टीईटी के
द्वारा शिक्षितों का सही मूल्यांकन किया गया है अत: अगर मुख्यमंत्री इस
प्रक्रिया को नियुक्त की मंजूरी देते है तो यह उनके कुशल नेतृत्व का
परिचायक होगा। टीईटी पास कर चुके सूयप्रकाश शर्मा, नेत्रपाल सिंह, विमलेश
शाक्य, इप्फत परवीन, रामबृज आदि ने शीघ्र नियुक्ति कराने की मंkग की है।
News : Jagran (17.4.12)
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RTE / UPTET Lakhimpur Kheeree : बच्चों के अधिकार की मंजिल अभी दूर
विभाग ने 509 करोड़ रुपये की भेजी डिमांड
1140 जूनियर स्कूलों में 840 विज्ञान शिक्षकों का टोटा
लखीमपुर खीरी। शिक्षा का अधिकार कानून भले
ही लागू हो गया, लेकिन बच्चों के अधिकार अभी मंजिल से दूर हैं। वजह, इस
कानून के अनुपालन को विभाग ने कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। बस पुराने
ढर्रे पर ही बेसिक शिक्षा विभाग चल रहा है। स्कूलों में बुनियादी जरूरतों
का टोटा बना हुआ है। हालांकि कमियों को दूर कर बुनियादी सुविधाओं को जुटाने
के लिए 509 करोड़ रुपये की डिमांड शासन से की है।
कानून लागू होने के बाद भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों बच्चों को
शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की भारी कमी पहले से है। टीईटी गतिरोध के
चलते जिले को छह हजार शिक्षक नहीं मिल सके हैं।
जिले के 1140 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक-एक विज्ञान शिक्षक की
तैनाती अनिवार्य रूप से होनी थी, लेकिन 300 विज्ञान विषय के शिक्षक उपलब्ध
हैं। इस कारण 840 विद्यालयों में विज्ञान शिक्षकों की तैनाती नहीं की जा
सकी है। मानकों की बात करें तो प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो
और उच्च प्राथमिक विद्यालय में तीन शिक्षकों की तैनाती की जानी है। 151
बच्चों की संख्या पर एक हेडमास्टर का पद सृजित होगा। अन्य विषयों की बावत
अभी विभाग को दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।
बीएसए देवकी सिंह ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षका की पहले से ही कमी
है। प्राथमिक विद्यालय में तैनात विज्ञान शिक्षका प्रमोट कर जूनियर
स्कूलों में भेजा जा चुका है। नई तैनाती होने के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो
सकेगी।
News : Amar Ujala (18.4.12)
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