लखनऊ।
यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर जारी किया
गया विज्ञापन रद करने पर सहमति बन गई है। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की
अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी ने इसकी संस्तुति कर दी है। इसके आधार पर
ही इलाहाबाद हाईकोर्ट को इससे अवगत करा दिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकों
की भर्ती प्रक्रिया के लिए जिला स्तर पर नए सिरे से विज्ञापन निकाला जाएगा,
लेकिन अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कितने शिक्षकों की भर्ती कब की
जाएगी।
बसपा
सरकार में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तर पर विज्ञापन
निकाला गया था। इसमें शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता शिक्षक पात्रता परीक्षा
(टीईटी) मेरिट रखा गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए कहा
गया था कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक
शिक्षकों की भर्ती का अधिकार बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है।
इसलिए शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जिला स्तर पर ही निकालना
चाहिए। हाईकोर्ट ने इसके आधार पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते
हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। इस बीच टीईटी में
धांधली का खुलासा होने से भर्ती प्रक्रिया रोक दी थी।
नई
सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से टीईटी पास अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती
प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की थी। सीएम ने मुख्य सचिव जावेद
उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाते हुए तीन हफ्ते में इसकी
जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
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