लखनऊ।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षक पात्रता परीक्षा रद किए जाने प्रकरण से
संबंधित सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की
अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है। समिति पूरे मामले का परीक्षण
कर तीन सप्ताह के अंदर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री ने यह
निर्देश टीईटी पास अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद
दिया।
बीएड में ढाई लाख से अधिक आवेदक घटे
(No Craze for B. Ed. Degree , Reason - NCTE Guideline : BTC are eligible for Primary Teacher, But B. Ed holders are NOT eligible )
इलाहाबाद (ब्यूरो)। बीएड पाठ्यक्रम के प्रति छात्र-छात्राओं का रूझान कम होने लगा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल करीब साढ़े चार लाख आवेदन पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या सात लाख से अधिक थी। विशिष्ट बीटीसी के जरिए प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का दरवाजा खुल जाने के कारण बीएड को निश्चित रोजगार के रूप में देखा जाने लगा था। प्रदेश के कॉलेजों में दाखिला नहीं मिलने के कारण हजारों युवकों ने दूसरे राज्यों से बीएड किया लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में धांधली के कारण पिछली भर्ती विवादों में घिर गई है।
इसके अलावा एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों के प्राथमिक शिक्षक के पद पर भर्ती पर भी रोक लगा दी है। इसके तहत आगे से बीटीसी करने वाले ही प्राथमिक शिक्षक बन सकेंगे।
इसके मद्देनजर बीएड पाठ्यक्रम के प्रति भी युवकों का तेजी से रूझान कम हुआ है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि पिछले साल की तुलना में ही इस साल ढाई लाख से अधिक आवेदक घट गए हैं।
News : Amar Ujala (6.4.12)
बीएड में ढाई लाख से अधिक आवेदक घटे
(No Craze for B. Ed. Degree , Reason - NCTE Guideline : BTC are eligible for Primary Teacher, But B. Ed holders are NOT eligible )
इलाहाबाद (ब्यूरो)। बीएड पाठ्यक्रम के प्रति छात्र-छात्राओं का रूझान कम होने लगा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल करीब साढ़े चार लाख आवेदन पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या सात लाख से अधिक थी। विशिष्ट बीटीसी के जरिए प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का दरवाजा खुल जाने के कारण बीएड को निश्चित रोजगार के रूप में देखा जाने लगा था। प्रदेश के कॉलेजों में दाखिला नहीं मिलने के कारण हजारों युवकों ने दूसरे राज्यों से बीएड किया लेकिन शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में धांधली के कारण पिछली भर्ती विवादों में घिर गई है।
इसके अलावा एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों के प्राथमिक शिक्षक के पद पर भर्ती पर भी रोक लगा दी है। इसके तहत आगे से बीटीसी करने वाले ही प्राथमिक शिक्षक बन सकेंगे।
इसके मद्देनजर बीएड पाठ्यक्रम के प्रति भी युवकों का तेजी से रूझान कम हुआ है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रामानंद प्रसाद ने बताया कि पिछले साल की तुलना में ही इस साल ढाई लाख से अधिक आवेदक घट गए हैं।
News : Amar Ujala (6.4.12)
अमर उजाला ब्यूरो-लखनऊ।
अखिलेश सरकार सूबे के 10वीं पास करने वाले विद्यार्थियों से लेकर 12वीं
में पढ़ने वाले कुल 47 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को टैबलेट और लैपटॉप
देगी। विद्यार्थियों को टैबलेट और लैपटॉप देने के लिए माध्यमिक शिक्षा
निदेशालय ने चालू वित्तीय वर्ष 2012-13 में सरकार से कुल 4566.5 करोड़ रुपए
की मांग की है।
बजट प्रस्ताव
तैयार कर निदेशालय ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को भिजवा दिया है। अब शीघ्र ही
विभाग की ओर से टैबलेट एवं लैपटॉप खरीद संबंधित शासनादेश जारी करने के लिए
बजट प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री अखिलेश यादव से स्वीकृति
लिए जाने की तैयारी है। चालू वित्तीय वर्ष में टैबलेट पीसी और लैपटॉप से
लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों में सर्वाधिक विद्यार्थी 28.14 लाख
दसवीं पास करने वाले हैं। इसमें सभी श्रेणी के विद्यार्थी शामिल हैं।
इस
वर्ष दसवीं पास करने वाले विद्यार्थियों में 22.19 लाख विद्यार्थी सामान्य
श्रेणी के हैं। जबकि 5.95 लाख विद्यार्थी अनुसूचित जाति व जनजाति के हैं।
इसी तरह सूबे में 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 18.19 लाख
है। इसमें सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों की संख्या 14.90 लाख है। जबकि 4
लाख अनुसूचित जाति व जनजाति के हैं। सपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में
सूबे के दसवीं पास करने वाले विद्यार्थियों से लेकर 12वीं तक के
विद्यार्थियों को टैबलेट और लैपटॉप देने का ऐलान किया था। ऐसे में सत्ता
में आने के पहले दिन ही मुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री अखिलेश यादव
की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में विद्यार्थियों को टैबलेट पीसी और
लैपटॉप देने का निर्णय लिया गया था।
10वीं पास से लेकर 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी होंगे लाभान्वित
सर्वाधिक 28.14 लाख दसवीं पास विद्यार्थियों को मिलेगा फायदा
लंबा बैटरी बैकअप चाहते हैं सीएम
मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव चाहते हैं कि लैपटॉप के लिए बैटरी ऐसी हो जो कम से कम आठ से
दस घंटे चले। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे लैपटॉप का उपयोग पूरी तरह कर
सकें। अभी जो लैपटॉप बाजार में हैं उनमें बैटरी अपेक्षाकृत कम समय चलती है।
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