UPTET : टीईटी अभ्यर्थीयों के फेसले का दिन न्याय के मंदिर में - 30 अप्रेल 2012
कल अदालत का निर्णय टीईटी अभ्यर्थीयों के लिये भारी राहत लेकर आएगा इससे पहले भी एक बार अदालत टीईटी अभ्यर्थीयों के हितों का ध्यान रखते हुए विज्ञापन में संशोधन का निर्णय दे चुका है जिसमें अभ्यर्थीयों को ५ जिलों के स्थान पर सभी जिलों में आवेदन की छूट दी गयी थी टीईटी
अभ्यर्थीयों की तादाद व उनकी परेशानीयों (जिसमें आवेदन शुल्क , मेहनत
परीक्षा उत्तीर्ण करने में व् आवेदन के दोरान परेशानीयां , समय इत्यादि
शामिल है ) को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन एक बार पुन : संशोधित हो सकता है या कोई जनहित में निर्णय (और अधिकारीओं की गलती, अभ्यर्थीयों को न भुगतनी पड़े ) आ सकता है | शायद कल फेसले के दिन हो ( क्योंकी इलाहबाद हाई कोर्ट डबल बेंच ने इस मामले को शीघ्र हल करने पर जोर दीया है और उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पुन: प्रारंभ हो सकती है , जिसमें काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि हैं
UPTET : नियुक्ति की मांग को लेकर डटे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी
चारबाग स्टेशन पर घण्टों मची रही अफरा-तफरी
धरना स्थल पर शुरू किया आमरण अनशन, प्रशासन ने की दबाव बनाने की कोशिश छावनी में तब्दील हुआ धरना-स्थल
लखनऊ (एसएनबी)। टीईटी
परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया को
तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों की संख्या में टीईटी
उत्तीर्ण अभ्यर्थी राजधानी पहुंचे। अभ्यर्थियों ने धरना स्थल पहुंचकर अनशन
शुरू कर दिया है तथा वे मुख्यमंत्री से वार्ता की जिद पर अड़े हैं। इस
दौरान प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें धरना स्थल से हटाने का
प्रयास किया लेकिन टीईटी अभ्यर्थी डटे रहे। भारी भीड़ के कारण चारबाग
स्टेशन पर घण्टों अफरा-तफरी मची रही। ज्ञात हो गत दिनों टीईटी
उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में टीईटी उत्तीर्ण
अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर आमरण अंशन शुरू किया था जो
आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। मोर्चा को सदस्य सुरेश मणि त्रिपाठी ने
बताया कि गत पांच अप्रैल को मुख्यमंत्री से हुई वार्ता के दौरान आश्वासन
मिला था कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर 21 दिनों में पूर्व
में जारी विज्ञप्ति के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया के निर्देश दिये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि निर्धारित अवधि पूरी हो चुकी है तथा अभी तक नियुक्ति के
लिए किसी भी तरह के निर्देश नहीं दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि एनसीटीई
द्वारा नियुिक्त प्रक्रिया के लिए दिया गया समय भी धीरे-धीरे पूरा होने की
कगार पर पहुंच गया है। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के पास मात्र जून माह तक ही
समय रह गया है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है जिससे अभ्यर्थियों
में आक्रोश व्याप्त है। पूर्व में जारी विज्ञप्ति के अनुसार टीईटी परीक्षा
में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने
की मांग को लेकर शनिवार को प्रात: सात बजे से ही हजारों अभ्यर्थियों की
भीड़ चारबाग रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गयी। बड़ी संख्या में इनकी मौजूदगी
से चारबाग स्टेशन पर भी अफरा-तफरी मची रही। इसके बाद जब वे धरना स्थल की ओर
कूच करने लगे तो उनकी पुलिस बल के साथ नोकझोंक भी हुई। लगभग ग्यारह बजे के
बाद अभ्यर्थी धरना स्थल पहुंचे तथा अनशन पर बैठ गये। इतनी बड़ी संख्या में
अभ्यर्थियों के धरना-स्थल पहुंचने पर यहां का माहौल गरम हो गया तथा
धरना-स्थल छावनी में तबदील हो गया। इस दौरान धरना स्थल पर भी प्रशासन व
पुलिस अधिकारियों द्वारा अभ्यर्थियों पर दबाव बनाकर हटाने की कोशिश की गयी
लेकिन अभ्यर्थी डटे रहे। शाम
के समय स्थिति तनावपूर्ण हो गयी लेकिन नियंतण्रमें रही। बड़ी संख्या में
अभ्यर्थियों के एकत्र हो जाने से धरना स्थल पर उन्हें पेयजल सहित भारी
दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों को पीने के लिए एक टैंकर पानी की
व्यवस्था भी की गयी लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई। हालांकि
देर रात तक अभ्यर्थी धरना स्थल पर ही डटे रहे। उनका कहना है कि बिना निर्णय
वह वापस नहीं जाएंगे।
News : Sahara Samay Live (29.4.12)
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UPTET : टीईटी बेरोजगारों / आंदोलनकारियों के आगे टीईटी नेता फेल
लखनऊ। प्रदेश
भर से टीईटी बेरोजगारों ने अचानक लखनऊ आकर डेरा जमा लिया। 30 को राज्य
सरकार काउंटर लगाइए। पुलिस प्रशासन की अनुमति के बिना विधान सभा के सामने
धरना देने जा रहे हजारों युवाओं को पुलिस ने चार बाग रेलवे स्टेशन पर ही
शनिवार सुबह हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही टीईटी बेरोजगारों के रेले के
आगे पुलिस की फौज भी छोटी साबित होने लगी। इसके बाद पुलिस खुद छात्र एवं
छात्राओं को विधान सभा के सामने धरना स्थल तक पहुंचाया।
प्रशासन ने
सप्ताह भर में वार्ता का समय देकर वापस जाने की चेतावनी दी। इसके बाद
टीईटी नेता तो प्रशासन की हां में हां मिलाते दिखे लेकिन प्रदेश भर से जुटे
आंदोलनकारियों ने विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया। धरना स्थल पर ही नेताओं
की बात से इंकार करते हुए प्रदेश भर से जुटे युवाओं ने हंगामा कर दिया।
इसके बाद नेताओं ने आंदोलन की बागडोर आंदोलनकारियों के हाथ में सौंपने की
पेशकश कर हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक अनशन करने पर सहमति प्रकट की।
टीईटी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने के मामले में हाईकोर्ट में आगामी 30
अप्रैल को सुनवाई होनी है। वहीं प्रदेश सरकार के निर्देश पर मुख्य सचिव की
अध्यक्षता में हाई पावर्ड कमेटी कमेटी की गई है। जो पूरे मामले पर कोर्ट
के सामने पक्ष रखेगी। हालांकि
हाल ही में मुख्य सचिव की ओर भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की सिफारिश
के बाद अचानक टीईटी आंदोलनकारियों का भरोसा सरकारी मशीनरी से उठ गया।
टीईटी बेरोजगारों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए शनिवार को
मोर्चा खोल दिया।
प्रदेशभर से
युवा सुबह से ही चार बाग रेलवे स्टेशन पर जमा होने लगे। यहां पर यात्रियों
और आंदोलनकारियों की फौज के कारण पुलिस के हाथ पैर ढीले हो गए। दूसरी ओर
टीईटी बेरोजगार बिना अनुमति के मांगे पूरी होने तक हटने को तैयार नहीं थे।
बाद में टीईटी बेरोजगारों ने विधान सभा में धरना शुरू कर दिया। यहां पर
आपसी मतभेदों के बाद आखिरकार नेताओं को आंदोलनकारियों की बात मानने पड़ी। फिलहाल कोर्ट की सुनवाई होने तक 30 अप्रैल तक विधान सभा के सामने धरना जारी रखने का फैसला लिया गया है।
News : http://yuvadastak.com/new/?p=2688
न्यूज़ साभार - युवा दस्तक . कॉम (29.4.12)
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