UPTET / BTC / VBTC : उत्तर प्रदेश में ट्रेनिंग पाने वाले अभ्यर्थी बनेंगे शिक्षक
बीटीसी और
विशिष्ट बीटीसी की ट्रेनिंग करने के बाद शिक्षक बनने का इंतजार करने वालों
के लिए अच्छी खबर है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पर निर्णय होने के
बाद सीधे जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) पर काउंसलिंग के लिए
बुलाया जाएगा और पात्रता के आधार पर तैनाती दी जाएगी।
इस संबंध में शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों के बीच काफी हद तक सहमति बन गई है। बस इंतजार है तो केवल टीईटी पर अंतिम निर्णय का। हालांकि अभी तक मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में गठित हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर न्याय विभाग से राय नहीं मिल पाई है।
यूपी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पहले दो वर्षीय बीटीसी या फिर छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक की सीधी नियुक्ति दी जाती रही है पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया।
इसके चलते लेट सत्र के कारण करीब 8000 बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त और हाईकोर्ट के निर्देश पर 1500 विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी सीधे शिक्षक बनने से वंचित रह गए। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह अनिवार्य कर दिया कि टीईटी उत्तीर्ण करने वाले ही शिक्षक बनने के लिए पात्र होंगे। बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों ने टीईटी उत्तीर्ण तो कर ली लेकिन विवादों के चलते उनकी भी नियुक्ति रुक गई ।
मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पिछले दिनों बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी मिले थे। मुख्यमंत्री ने इसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग से इनके प्रत्यावेदन पर विचार करने को कहा था।
सूत्रों की
मानें तो उच्चाधिकारियों की बैठक में आम राय बनी है कि टीईटी पर निर्णय
होने के बाद बीटीसी और विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त उन अभ्यर्थियों को
सहायक अध्यापक की नियुक्ति दे जाए तो पात्रता में आते हैं।
News : Amar Ujala (17.5.12)
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