UPTET
: उत्तर प्रदेश प्रशिक्षु प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया के
सम्बन्ध में 16 मई 2012 अपराह्न 1 बजे जन्तर-मंतर, नई दिल्ली में हुई
मीटिंग का कार्य-वृत्त
उत्तर
प्रदेश प्रशिक्षु प्राथमिक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में कानूनी
स्थिति के बारे में देवेन्द्र भाई ने जो जानकारी दी, वह संक्षेप में इस
प्रकार है:
1. कोर्ट में इस मामले की पैरवी करने के
लिए टी.ई.टी. मोर्चा के सदस्य नितिन मेहता जी, शिव कुमार पाठक जी, वरुण
शर्मा जी, विवेकानंद जी, ज्ञानेश जी, देवेन्द्र जी और राजेश राव जी आदि
सक्रिय हैं, टी.ई.टी. अभ्यर्थियों के योगदान के साथ-साथ इनके स्वयं के समय
और योगदान से टी.ई.टी.संघर्ष
मोर्चा इस केस में थर्ड पार्टी (लिस्टेड) है जिसकी ओर से न्यायालय में इस
मामले के प्रभावित पक्ष के रूप में टी.ई.ई. उत्तीर्ण बी.एड. डिग्रीधारियों
का पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट के दिग्गज वकील आर.एन. सिंह जी और अशोक खरे
जी को हायर किया गया है. यह भी स्पष्ट हुआ कि केवल संवादहीनता के कारन
गलतफहमिया पैदा हुई जिस से तमाम अन्य ब्लॉग विजिटर्स के साथ साथ स्वयं मेरे
द्वारा भी इस मुद्दे पर टी.ई.टी. संघर्ष मोर्चा के उपरोक्त नेताओं के बारे
में नकारात्मक टिप्पणिया की गई थीं, जिस के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूँ.
2. 2
मई से लेकर 15 मई तक की हर तारीख हमारे लिए देरी का कारण नहीं, बल्कि
हमारे मार्ग की बाधाओं को एक-एक कर हटाने का जरिया साबित हो रही हैं. इस
केस में माननीय न्यायाधीश महोदय द्वारा स्वयं रुचि ली जा रही है तथा सरकार
से हर बिंदु पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए हलफनामे-पे-हलफनामे लिए जा रहे
हैं ताकि एक बार प्रक्रिया से स्टे हटने बाद बाद में किसी बाधा के आने की
सम्भावना शेष न रहे. इस प्रकार इस केस की सुनवाई अब सही रास्ते पर और सही
गति से है जिसमे किसी विपरीत परिस्थिति के आने पर हमारी और से बात रखने के
लिए दो प्रतिष्ठित वकील उपस्थित हैं. भारत की अदालतों में केसों के अम्बर
को ध्यान में रखते हुए हमे वास्तविकता स्वीकारने और इस में लग रहे समय के
मुद्दे पर धैर्य रखने की वास्तव में जरूरत है.
3. 15
मई को कोर्ट में सरकारी वकील ने स्पश किया कि सरकार विशिष्ट
बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अलग से
भर्ती करेगी क्यूंकि वर्तमान विज्ञप्ति 72825 प्रशिक्षु प्राथमिक शिक्षकों
की भर्ती के लिए थी न कि सहायक अध्यापकों के लिए, इस से भी टी.ई.
टी. उत्तीर्ण बी.एड. डिग्रीधारियों के साथ-साथ विशिष्ट
बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए भी लाभ की
स्थिति बनती है. बी.एड. वालों को जहाँ इस भर्ती से बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी.
उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों को अलग किये जाने से पूरी 72825 रिक्तियां उपलब्ध
हो रही है, वहीँ बी.टी.सी./वि.बी.टी.सी. उत्तीर्ण सभी उम्मीदवारों को बिना
बी.एड.डिग्रीधारियों से टी.ई.टी.मेरिट के आधार पर प्रतिस्पर्धा किये नौकरी
मिलने की राह बन रही है. इस मुद्दे पर स्वयं न्यायाधीश महोदय ने सरकार से
विशिष्ट बी.टी.सी./बी.टी.सी. तथा टी.ई.टी. उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अलग
से भर्ती के लिए निकाले जाने वाली विज्ञप्ति की तिथि 25 मई को स्पष्ट करने
को कहा है.
4. कुछ
आधारहीन ख़बरों के कारण अकादमिक और टी.ई.टी. मेरिट समर्थकों के बीच मचे
घमासान को लेकर सिर्फ इतना ध्यान दे कि और अभी तक सरकार की मंशा पर ऊँगली
उठाने की कोई वजह सामने नहीं आई है बल्कि सरकार आजतक कोर्ट में इस विज्ञापन
और इसमें दी गई सभी बातों का, जिसमे चयन प्रक्रिया और चयन का आधार शामिल
है, बचाव करती आई है और आज भी वह इस मुद्दे की पेचीदगियां और कानूनी बाधाएं
एक-एक कर दूर करने के लिए हलफनामे दे रही है. अगर सरकार को भर्ती न करनी
होती तो वह सत्ता में आते ही इस केस को लड़ने के बजाय विज्ञापन को गलत
स्वीकार कर लेती और भर्ती स्वतः रद्द हो जाती. अगर सरकार को आधार बदलना
होता तो अबतक वह कोर्ट में दाखिल हलफनामों में आधार बदलने का जिक्र करती पर
अब तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है.
5. इस केस में
अब साफ़ हो चुका है कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के कोई आसार
नहीं हैं बल्कि इस केस से जुड़े अलग-अलग मुद्दों के निराकरण के लिए
प्रक्रिया में केवल आवश्यक परिवर्तन व संशोधन ही किये जायेंगे. इस केस में
चयन के आधार को लेकर आपत्ति की न कोई बात उठी है न ही इस में परिवर्तन की
कोई आवश्यकता और सम्भावना है. चूंकि इस भर्ती से सम्बंधित सभी याचिकाएं इस
याचिका से सम्बद्ध की जा चुकी हैं, इस लिए अब किसी और पक्ष/व्यक्ति/याचिका
की वजह से प्रक्रिया में आगे बाधा आने की सम्भावना भी समाप्त हो गई है. इस
लिए या तो कोर्ट के आदेश से वर्तमान विज्ञप्ति में मात्र विचाराधीन
बिन्दुओं के निराकरण के लिए संशोधन किया जायेगा, या वर्तमान विज्ञापन की
जगह एक नया और सभी बिन्दुओं को समाविष्ट करता हुआ नया विज्ञापन निकाला
जायेगा. अतः भर्ती-प्रक्रिया को लेकर निराश होने की आवश्यकता नहीं है.
6. उत्तर
प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 के निरस्त होने के बारे में फैलाई जा
रही भ्रांतियों, अफवाहों और सुनी-सुनाई बातों पर आँख-मूंदकर भरोसा करने के
बजाय सभी अभ्यर्थियों को केवल इस बात पर ध्यान देना है कि स्वयं उत्तर
प्रदेश सरकार और न्याय-विभाग ने इस परीक्षा पर लगे धांधली के आरोपों और
तथाकथित सबूतों को और रमाबाई नगर पुलिस की जांच रिपोर्ट को अपर्याप्त माना
है तथा इसके आधार परीक्षा रद्द होने की कोई सम्भावना शेष नहीं है. सरकार
द्वारा हलफनामों में भर्ती प्रक्रिया के सम्बन्ध में दिए जा रहे स्पष्टीकरण
स्वयं इस बात की पुष्टि करते हैं कि सरकार टी.ई.टी. परीक्षा निरस्त होने
की सम्भावना तक पर विचार नहीं कर रही है बल्कि हर बाधा का निराकरण कर इस
भर्ती-प्रक्रिया को पूरी करने में लगी है.
7. सरकार
इस बात से वाकिफ है कि प्रदेश में प्रशिक्षु अध्यापकों की विज्ञापित
पद-संख्या के तुलना में गैर-बी.एड. डिग्रीधारक आवेदकों की संख्या बहुत कम
है और विज्ञापन रद्द करने की सूरत में समय-सीमा प्रतिबन्ध के कारण आनेवाले
सालों में भी नियुक्ति पूरी होना संभव न होगा, अतः इस भर्ती-प्रक्रिया को
बचाना सरकार के लिए भी अत्यंत आवश्यक है. अतः अभ्यर्थियों को भी व्यर्थ के
राजनैतिक गुणाभाग व गैर-जरूरी संभावनाओ को टटोलने के बजाय संगठन को मजबूती
देने का काम करना चाहिए.
8. बैठक
में इस बात पर भी सहमति हुई कि वर्तमान में हमारा मामला पटरी पर है और
न्यायालयों में मुकदमों की भीड़ की वजह से होनेवाली अवश्यम्भावी देरी से
घबराये बिना थोडा धैर्य रखना है और किसी तरह का नया कानूनी कदम उठाना तब तक
ठीक नहीं जबतक ऐसा करना जरूरी न हो जाये. सुप्रीम कोर्ट में जाने के
पक्षधर लोगों से अनुरोध है की जब हाईकोर्ट किसी केस की सुनवाई अब लगातार कर
रहा है, निर्देश दे रहा है, सरकार भी निर्देशों को मानकर चल रही है, ऐसे
में सुप्रीम कोर्ट जाने का कोई औचित्य व आवश्यकता नहीं है, अगर जरूरत हुई
तो उसके लिए भी प्रभावी कदम उठाने के लिए संगठन को मजबूत कने पर ही बल देना
है, इसी पर ध्यान देना है.
9. जब
हमने देवेन्द्र भाई से इस मामले में हो रहे खर्चों की पूर्ति के लिए जरुरी
धन के बारे में पूछा तो भले ही उन्होंने विनम्रतापूर्वक मना किया पर बैठक
में तय किया गया कि हर अभ्यर्थी को इसमें संघर्ष मोर्चा के सक्रीय सदस्यों क
समय और अबतक के योगदान को स्वीकार करते हुए अब स्वयं भी योगदान करना
चाहिए. यह राय बनी कि किसी भी प्रकार की कानूनी समस्याओं से बचने के लिए
किसी एक व्यक्ति के खाते में पैसा डालने के बजाय बेहतर होगा कि जिलाध्यक्ष
अगर चाहें तो अपने साथियों से धन इकठ्ठा करे और व्यक्तिगत रूप से संघर्ष
मोर्चा के उपरोक्त व्यक्तियों से मिलकर उन्हें सौंपे. हम आप सबसे अपील करते
हैं कि इस प्रकार की आवश्यकता का पता लगाकर हमे स्वयं आगे बढ़कर अपना
योगदान देना है क्यूंकि हमारे स्वाभिमानी भाई इस आन्दोलन के लिए आवश्यकता
पड़ने पर भी आर्थिक सहयोग के लिए स्वयं कुछ नहीं कहेंगे. अतः सभी
जिलाध्यक्षो से निवेदन है कि इनके सतत संपर्क में रहें और ऐसी आवश्यकता
महसूस होने पर ब्लॉग के माध्यम से तथा अन्य माध्यमों से जरुरी सूचनाएं सबतक
पहुचाये, इनके अलावा किसी अन्य व्यक्ति के बहकावे में न आयें. बेहतर होगा
कि जो जिलाध्यक्ष कुछ योगदान करे, उसकी सूचना ब्लॉग पर डाले ताकि सभी लोगो
तक ये सूचनाये पहुच सके और किसी प्रकार के संदेह की सम्भावना न रहे.
10. जहाँ तक टी.ई.टी. उत्तर पुस्तिकाओं में white-fluid के प्रयोग के परनाम का सवाल है, यह एक अमान्य, परन्तु सामान्य रूप से सभी अभ्यर्थियों द्वारा अपनाया जाने वाला तरीका है जिसके प्रयोग के कारण अधिक-से-अधिक आपको सम्बंधित प्रश्न के अंक नहीं दिए जा सकते है. पर ये कोई आपराधिक कृत्य नहीं है जिसके लिए आपको किसी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़े या आपको परीक्षा से बाहर किया जाये. अतः इस मुद्दे पर भयभीत होने की कोई आवश्यकता नहीं है.
आपकी
जानकारी के लिए यह बताना भी जरुरी समझता हूँ कि इस मीटिंग के बाद मैंने इस
मामले से जुड़े सरे दस्तावेजों के साथ और अबतक के घटनाक्रम को लेकर दिल्ली
की एक प्रतिष्ठित कानूनी सलाहकार फर्म के सदस्य से व्यक्तिगत रूप से चर्चा
की तो उन्होंने उपरोक्त सभी बातों पर हमारे रूख को सही ठहराते हुए, हमारे
पक्ष को मजबूत बताते हुए हमे हाईकोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा करने की सलाह
दी और विश्वास व्यक्त किया कि हम अपनी लड़ाई में कामयाब होंगे. पर हमारी
इन बातों का यह मतलब नहीं है कि हम केवल स्वयं को संतोष देने के लिए ऐसी
बात कर रहे हैं.
इस
बैठक में सभी लोग इस बात पर एकमत हुए कि यदि कोई निर्णय हमारे विपरीत आता
है, जिसकी कोई सम्भावना नहीं है, तो हम इस लड़ाई को सड़क से लेकर सुप्रीम
कोर्ट तक में लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे, बस अगर आवश्यकता है तो एकजुट रहने
की, एक दूसरे पर विश्वास करने की सौ बातों के साथ साथ दो-एक काम भी कर
गुजरने के इरादे की.
जल्दबाजी
में अगर कोई बात मैं शामिल न कर पाया हूँ तो बैठक में मौजूद साथियों से
अनुरोध है कि कृपया कमेन्ट के माध्यम से उसे भी बाकि साथियों की जानकारी के
लिए पोस्ट करे. आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों से हमे निश्चित रूप से बल और
प्रेरणा मिलेगी. आशा है कि 27 मई की प्रस्तावित बैठक को और सफल बनाने के
लिए आप भी स्वयं अपने अधिक से अधिक मित्रों के साथ शामिल होकर इस लड़ाई को
शक्ति प्रदान करेंगे. बैठक में आने वाले सभी साथियों को हार्दिक धन्यवाद !
आपका भाई,
श्याम देव मिश्रा
मुंबई
UPTET/BTC : टी ई टी और नया विज्ञापन
बहुत
से अभ्यर्थी , इलाहबाद हाई कोर्ट के निर्णय से बेचेन हैं कि बी टी सी /
विशिष्ट बी टी सी की अभ्यर्थीयों के लीए अलग विज्ञापन निकले जाने का क्या
मतलब है |
मेरा मानना है कि बी टी सी / विशिष्ट बी टी सी
भी बी. एड . की तरह एक कोर्स है और हो सकता है कि टी ई टी पात्रता मान कर
छूट सिर्फ उन्ही अभ्यर्थीयों को मिली हो , जिनके बी टी सी साथी / बेचमेट
पहले ही नियुक्ति
पा चुके हैं पर टी ई टी अनिवार्यता के चलते उन्हें इस पात्रता परीक्षा को पास करना था |
परन्तु नयी नियमावली के अनुसार शिक्षकों का चयन टीईटी मेरिट के अनुसार है |
साथ ही नए विज्ञापन से बीटीसी
अभ्यर्थीयों के चयन की बात , टी ई टी परीक्षा को पास करने वालों के लीए एक
खुश खबरी की तरह है कि अब टी ई टी परीक्षा निरस्त होने की बात करना
बेबुनियाद है क्यूंकि बिना
टी ई टी परीक्षा के प्राथमिक शिक्षकों का चयन आर टी ई / एन सी टी ई के
नियमों का उल्लंघन है और शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लीए इस को पूरे देश
में समानता के साथ लागु कर दिया गया है
अब हो सकता है कि बी.एड अभ्यर्थी यों के लीए खुश खबरी भी हो क्योंकी अगर बी टी सी / विशिष्ट बी टी सी अभ्यर्थीयों का चयन अलग से किया जाता है अर्थात ७२८२५ के अतिरिक्त नयी वेकेंसी पर किया जाता है ,
तो कई और अभ्यर्थी यों को अवसर मिल सकता है |
कारण - अगर बी टी सी अभ्यर्थी कम अंक पा कर सिर्फ टी ई टी पात्रता
को मानते हुए भर्ती हो जाता है , और बी एड अभ्यर्थी अधिक अंक पा कर भर्ती
नहीं हो पता है तो समानता के नियम का उल्लंघन कहलायेगा
इसको संतुलन में लाने के लीए नयी रिक्तिओं पर भर्ती का विज्ञापन निकला जा सकता है |
वैसे
भी यु पी सरकार, शिक्षकों की बेहद कमी से जूझ रहा है और उसको इस सत्र में
बहुत सारे योग्य शिक्षक मिलने जा रहे हैं , एक साथ इतने सारे टी ई टी
क्वालीफइड शिक्षक मिलने से उत्तर प्रदेश सरकार की खुशी का ठिकाना नहीं
रहेगा और शिक्षक छात्र अनुपात भी सुधर जायेगा | कह सकते हैं - नयी सरकार के लीए सोने पे सुहागा और प्राथमिक शिक्षा का कल्याण होने जा रहा है
No comments:
Post a Comment