Thursday, March 29, 2012

बेरोजगारी भत्ते के बदले काम भी करना होगा!

बेरोजगारी भत्ते के बदले काम भी करना होगा!
स्वदेश कुमार, लखनऊ


सूबे में बेरोजगारी भत्ता हासिल करने वालों को काम भी करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बेरोजगारी भत्ता की चाह रखने वाले अपात्रों की छंटनी की जा सके। योजना को फिलहाल मुख्यमंत्री के स्तर से अनुमति मिलनी बाकी है लेकिन पूरा खाका तय कर लिया गया है। योजना है कि बेरोजगारों से वही काम लिया जाए जो उनकी काबलियत के अनुरूप हो और उतना ही काम लिया जाये जिससे साल भर के भत्ते की भरपाई की जा सके।
बेरोजगारी भत्ते को लेकर सरकार के सामने सबसे बड़ी समस्या अपात्रों को रोकने की है। अपात्र का आशय ऐसे लोगों से है जो कहीं छोटी-मोटी निजी स्तर की नौकरियां कर रहे हैं लेकिन बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। जो व्यवस्था की जा रही है, उसे इस तरह से समझा जा सकता है। मान लीजिए, भत्ता लेने वाला बेरोजगार कम्प्यूटर का जानकार है। वह एक हजार रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ते के हिसाब से साल में 12,000 पाता है। वहीं, दूसरी ओर कम्प्यूटर आपरेटर की तनख्वाह सरकारी तौर पर छह हजार रुपये प्रतिमाह हो तो जिलाधिकारी को अधिकार होगा कि वह बेरोजगार से किसी विभाग में दो माह के लिए कम्प्यूटर आपरेटर का काम ले सके। विभाग का मानना है कि भत्ते के एवज यदि काम की शर्त होगी तो ऐसे लोग अपने आप दावेदारी से ट जाएंगे जो पहले से ही कहीं नौकरी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपना नियमित काम छोड़ना होगा।किया जा रहा है कि केवल उन्हीं बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जायेगा, जिनके परिवारों की वार्षिक आय शहरों में 26000 रुपये से कम और गांवों में 20000 रुपये से कम होगी। परिवार में अगर एक से अधिक बेरोजगार होंगे तो उन सभी को भत्ता मिलेगा। भत्ता उन्हीं बेरोजगारों को दिया जायेगा जो सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होंगे।अधिकतम उम्र पर पशोपेश : भत्ते को लेकर पेचीदा मसला बेरोजगारों की अधिकतम आयु को लेकर है। सपा ने चुनाव घोषणा पत्र में कहा है कि 35 वर्ष की उम्र पूरा कर चुके बेरोजगार नौजवानों के लिए बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था होगी। अब सरकार को यह तय करना है कि 35 से ऊपर किस उम्र तक के लोगों को नौजवान माना जाये। फिलहाल इसे 45 साल तक रखने पर विचार चल रहा है। वैसे दूसरी राय यह भी है कि इसे 60 साल रखा जाए।
किस तरह होगा भुगतान : हजार रुपये प्रतिमाह का बेरोजगारी भत्ता साल में तीन बार यानी चार माह के एकमुश्त भुगतान के रूप में देय होगा। यानी एक अप्रैल से जुलाई तक की अवधि का भुगतान अगस्त माह में, एक अगस्त से नवंबर तक का भुगतान दिसम्बर में और एक दिसम्बर से मार्च तक का भुगतान अप्रैल में किया जायेगा। इसके लिए संबंधित बेरोजगार को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खोलना होगा। इस खाते में भत्ते की धनराशि सीधे कोषागार से स्थानान्तरित कर दी जायेगी।



हाईस्कूल पास होना जरूरी
35 वर्ष से अधिक उम्र के उन्हीं बेरोजगारों को भत्ता दिया जायेगा, जो कम से कम हाइस्कूल पास होंगे। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि अगर शैक्षिक योग्यता का मानक नहीं रखा जायेगा तो ऐसे अनपढ़ लोग भी उसके हकदार हो जायेंगे जो मजदूरी आदि कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वैसे यह तय हो चुका है कि भत्ता उनको नहीं दिया जायेगा जो मनरेगा या सरकार की किसी स्वरोजगार योजना का लाभ पा रहे होंगे।


 http://jagranepaper.com/epaper/30-mar-2012-64-kanpur-edition-kanpur-Page-1.html

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