Saturday, March 31, 2012


दो टीईटी बेरोगारों की हालत बिगड़ी, हजारों धरने पर
(UPTET : Health Condition  of Two TET Passed Unemployed Deteriorate , Thousands on Anshan / Hunger Strike )


Rajneeti nahi ye Unemployed hai 
लखनऊ। टीईटी बेरोजगारों के आमरण अनशन के दूसरे दिन दो बेरोजगारों की हालत काफी बिगड़ गई है। शनिवार की शाम को मोहम्मद गुलजार सैफी और अवनीश यादव को जिला प्रशासन ने  चिकित्सकीय जांच के बाद जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया। उधर नगर मजिस्‍ट्रेट विनोद कुमार ने सरकार की ओर हजारों आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन टीईटी आवेदकों ने मांग पूरी होने तक आंदोलन वापस लेने से इंकार कर दिया है। विधान सभा के सामने धरना स्थल पर सुबह से ही प्रदेश भर से हजारों टीईटी बेरोजगारों की भीड़ जुटने लगी। 18 आमरण अनकारियों में शामिल अवनीश यादव, अतुल तिवारी, अमरेंद्र, मनोज शर्मा, लक्ष्मीकांत पाठक, राहुल गुप्ता, वीर बहादुर यादव, मोहम्मद गुलजार सैफी, अखिलेश यादव, सुरेश मिश्रा, सुधाकर सैनी, अशोक यादव, सुरेंद्र यादव, संजय कुमार, सुरेंद्र अर्कवंशी, नितिन शुक्ला, सचिन यादव, राजेश सैनी और राजकुमार गुप्ता के साथ हजारों टीईटी बेरोजगारों ने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया
यहां तक कि युवाओं ने नगर मजिस्ट्रेट की ओर से धरना समाप्त करने की अपील भी ठुकरा दी। आवेदकों का कहना था कि वह केवल न्याय की उम्मीद में धरने में बैठे हैं। उधर धूप के कारण अनशनकारियों की हालत बिगड़ने लगी। शाम लगभग पांच बजे चिकित्सकों की टीम ने आमरण अनशनकारी का स्वास्थ्‍य परीक्षण किया। इसमें सैफी और यादव का ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा था। डाक्टरों की सलाह के बाद दोनों को सिविल अस्पताल भेज दिया गया। अन्य की भी स्थिति धीरे- धीरे खराब हो रही थी। उधर अन्य जिलों से टीईटी आवेदकों को आना लगातार जारी था। आंदोलनकारियों ने मांगे पूरी होने तक कदम पीछे हटाने से साफ इंकार कर दिया।

News : yuvadastak.com  (31.3.12)

टीईटी की बहाली तक जारी रखेंगे विरोध 
(UPTET : Until Process NOT Started , TET Candidates Conitue Their Andolan / Agitation )

अलीगढ़। बीएड बेरोजगार संघर्ष समिति की बैठक शनिवार को आयोजित की गई। इसमें समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीन सक्सेना ने कहा कि सपा सरकार बसपा सरकार से बदले की भावना की राजनीति के चलते टीईटी परीक्षा को रद करने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि यह आवेदकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि टीईटी परीक्षा की बहाली न होने तक छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में भीकम सिंह, धीरज सिंह, राजेश अग्रवाल, अंकित दुबे, मनोज कुमार, पुष्पेंद्र चौधरी, विपिन, शिवकुमार, कमल कुमार, मयंक आदि थे।
लखनऊ में कर रहे प्रदर्शन
फीरोजाबाद (ब्यूरो)। टीईटी संघर्ष मोर्चा से जुडे़ तमाम अभ्यर्थी लखनऊ में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। जनपद से भी कई अभ्यर्थी लखनऊ पहुंचकर उनका मनोबल बढ़ाने में लगे हैं। अवनींद्र सिंह ने कहा है कि अभ्यर्थियों को एकजुट होकर ही अब न्याय मिलने का विकल्प बचा हुआ है।

News : Amar Ujala (1.4.12)
शिक्षा का अधिकार को सफल बनाने में जुटी केंद्र सरकार
(RTE : Central Government Ready to Successful Implementation of Right To Education Act )
सरकार ने किए दो वर्षों में छह लाख शिक्षकों के पद मंजूर
अब राज्यों को करनी है पहल : सिब्बल
 नई दिल्ली (एजेंसियां)। छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून लागू होने के दो वर्ष बाद देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इस कानून को अधिसूचित किया है, वहीं 21 प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोगों और 31 प्रदेशों में अकादमिक प्राधिकारों का गठन हुआ है, लेकिन अभी गुणवत्ता संबंधी चुनौतियां बनी हुई हैं। आरटीई कानून के दो वर्ष पूरा होने पर शनिवार को केंद्र सरकार ने शिक्षा के अधिकार पर प्रभावी अमल और गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से राज्यों के लिए 10 सूत्री कार्यक्र म पेश किया है जिसमें आरटीई के मापदंडों को लागू करने, अकादमिक सत्र से पहले बच्चों को पुस्तक एवं पोशाक उपलब्ध कराना शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यों के लिए 10 सूत्री कार्यक्र म में अशक्त बच्चों के लिए प्रावधान, शिक्षकों को गैर शिक्षण कार्य में नहीं लगाने, पाठ्यक्र म सुधार को आगे बढ़ाने, शिक्षक प्रशिक्षण कार्य को समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाने, आधारभूत संरचना का विकास, स्कूलों को सत्र से पूर्व अनुदान उपलब्ध करना, स्कूलों में शिकायत निपटारा तंत्र स्थापित करना, शिक्षकों की नियुक्ति को जल्द पूरा करना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘2009-10 में आरटीई के लिए 13 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था जिसे 2012-13 में बढ़ाकर 25 हजार करोड़ रु कर दिया गया है।’

सिब्बल ने कहा, ‘शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की बुनियाद रख दी गई है। केंद्र ने अपनी भूमिका निभा दी है, अब राज्यों को पहल करना है। 10 सूत्री एजेंडा सामने है, इन्हें पूरा करना है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड-जैसे राज्यों में बच्चों के स्कूली पढ़ाई छोड़ने की दर घटी है, छात्र - शिक्षक अनुपात में भी सुधार हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना है।’

सिब्बल ने कहा कि आरटीई के तहत छात्र और शिक्षक अनुपात 30:1 निर्धारित किया गया है, लेकिन प्राथमिक स्तर पर 43 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं जहां यह अनुपात 30:1 से अधिक है। उच्च प्राथमिक स्तर पर 35 प्रतिशत ऐसे स्कूल हैं जहां छात्र और शिक्षक अनुपात 35:1 है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दो वर्षों में छह लाख शिक्षकों के पद मंजूर किए हैं, अब समय आ गया है जब शिक्षकों की नियुक्ति और तैनाती पर गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ा जाए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आरटीई लागू होने के दो वर्ष के दौरान सर्व शिक्षा अभियान के तहत 4,96,231 कक्षाओ के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसमें से अधिकतर कार्य एक वर्ष में पूरे हो जाएंगे। काफी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है, लेकिन लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय के निर्माण का कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सभी राज्यों में प्रभावी शिकायत सुनवाई तंत्र स्थापित करने को कहा गया है ताकि बच्चों की शिकायतों का समयबद्ध और प्रभावी तरीके से निपाटारा किया जा सके। सिब्बल ने कहा कि अभी तक देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कानून को अधिसूचित किया गया है। गोवा और कर्नाटक ने अभी कानून अधिचित नहीं किया है। 21 प्रदेशों में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और 31 में अकादमिक प्राधिकार का गठन हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्यों को एससीपीसीआर गठित करने के लिए परामर्श भी भेजा है। हमने अपनी भूमिका निभा दी

 News : rashtriyasahara.samaylive.com (31.3.12)
लाखों टीईटी अभ्यर्थियों के साथ धोखा ǃ
(UPTET : Cheating with Lakhs of Candidates )

Article By - Abhishek Kant Pandey 
टीईटी निरस्त करने और अध्यापक चयन नियमावली बदलने की तैयारी चल रही है। पिछली सरकार के समय में प्राथमिक विद्यालय में 72825 शिक्षकों की भर्ती विज्ञापन को निरस्त कर अभ्यर्थीयों का 500 रूपये वापस कर दिया जायेगा। यानि यह सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेगी। लेकिन लाखों बेरोजगारों का क्या दोष जिन्होंने मेंहनत और ईंमानदारी से टीईटी परीक्षा उतीर्ण की और हजारों रूपये खर्च किया। और यह आशा रखी की भारत का लोकतांत्रिक ढांचा के तहत नौकरी मिल जाएगी। लेकिन सरकार के बदलते ही निर्णय भी बदल दिया गया। पिछली सरकार के समय में निकली विज्ञप्‍ति को निरस्त करने की मंशा के चलते लाखों लोगों का भविष्य दांव में लग गया है

क्या टीईटी को निरस्त करना उचित हैॽ 

क्या यह सही है कि जिस टीईटी परीक्षा में इतने सवाल उठ रहे हैं तो ऐसे में सरकार को निश्पक्ष जांच कराकर दोषियों को सजा दिया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को बाहर कर टीईटी से चयन करना चहिए जबकि किसी परीक्षा को निरस्त करना कहां की समझदारी है। वहीं टीईटी की मेरिट की हाईकोर्ट इलाहाबाद ने भी तारीफ की कहा जिस तरह से एकेडमिक प्रक्रिया से यह उचित है क्योंकि यहां सभी उम्मीद्वारों को सामान अवसर देता है। जिस तरह से बीटीसी 2011 में दर्जनों ऐसे फर्जी अभ्यर्थियों ने प्रवेश लिया और प्रशिक्षण भी कर रहे थे लेकिन जब इनकी मार्कशीट की जांच उप सचिव स्तर के अधिकारयों ने किया तो पता चला कि इनमें से कितने ऐसे प्रशिक्षु मिले जिन्होंने अपनी हाईस्कूल और इण्टर दूसरें दर्जे मे पास लेकिन इसी  रोल नंबर में 70 प्रतिशत तक नंबर बढ़ाकर फर्जी मार्कशीट तैयार की है। ऐस फेर्जी प्रशिक्षुओं के परिजन शिक्षा विभाग में कार्यरत है और अपने पद का दुरपयोग इनका नंबर बढ़या है। यहां पर पूरी प्रक्रिया निरस्त नहीं की तो टीईटी की जांच ऐसे लोगों का पर्दापाश किया जाना चाहिए न की इस परीक्षा को निरस्त करना चहिए। संभव है कि इस परीक्षा को निरस्त करने वालों की मंशा अपने आपकों बचाना है। 
एनसीटीई के द्वारा अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत टीईटी परीक्षा अनिवार्य होने से उत्तर प्रदेश की प्राइमरी स्‍कूलों में आध्यापक नियुक्‍ति प्रक्रिया में केवल एकेडमिक के अंक से चयन की नीति उचित नहीं है। जिस तरह से नकल एक बड़ी समस्‍या है और सभी बोर्ड और विश्‍वविद्‍यालय में सामान मार्किंग न होने से यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इण्टर उतीर्ण छात्र को बमुश्किल से 60 प्रतिशत अंक मिलता है जबकि सीबीएसई और आइएससी बोर्ड में औसत छात्र 70 से 80 प्रतिशत अंक आसानी से पा जाते हैं। वहीं इग्‍नू राजर्षिटण्‍डन ओपन विवि के अलावा प्रोफेशनल कोर्स जैसे बीबीए बीसीए बीएमस बीमास आदि में 70  प्रतिशत से अधिक अंक आसानी से मिलते है। ऐसे में शिक्षक चयन में एकेडमिक रिकार्ड से नौकरी देने पर यूपी बोर्ड और जिन्‍होंने इलाहाबाद बीएचयू जैसे विश्‍विविद्‍यालय से स्‍नातक किया है वहां टापर को भी 75 प्रतिशत नंबर नहीं मिलता है तो ऐसे में इन छात्रों के साथ अन्याय होगा। वहीं संपूर्णानंद विवि में 80 प्रतिशत नंबर आसानी से मिलता है और इस मामले में कई बार कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट भी पकड़ा और संस्‍था को भी चेतावनी दी की सभी का डाटा बना कर रखे ताकी पता चले कि किताना नंबर किसने प्राप्‍त किया है। इन सबको देखते हुए टीईटी को चयन का आधार ज्यादा तर्क संगत है। जिसे एकेडमिक चयन के आधार चाहने वालों ने चुनौती दी लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि टीईटी मेरिट से चयन सही है।   
Article By - Abhishek Kant Pandey (Prkhar Chetna)



अनशनकारी टीईटी अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़
(UPTET : Anshankari TET Candidates Health Condition Deteriorates) 


सिविल अस्पताल में कराया गया भर्ती आमरण अनशन जारी जनरेटर व पानी का हुआ इंतजाम
लखनऊ (एसएनबी)। नियुक्ति सहित आठ सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को यूपी टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले विधानभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों में दो की तबियत वालों में दो लोगों की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डाक्टरों ने बताया कि उनकी हालत नार्मल है। आमरण अनशन पर बैठे अश्वनी कुमार यादव व मो. गुलजार सैफी की तबीयत बिगड़ते ही प्रशासन में हडकम्प मच गया। मौके पर तत्काल डाक्टरों की टीम ने पहुंचकर अनशनकारियों की जांच की और दो लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। प्रदेश अध्यक्ष विवेकानन्द ने कहा कि टीइटी अभ्यर्थी की शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न के शिकार हो रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार से उन्हें न्याय नहीं मिलेगा उनके साथियों का आमरण अनशन जारी रहेगा। विधानभवन के सामने रात में जनरेटर से लाइट व पानी के लिए टैंकर रखवायें गये । मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठने वालों में इमरान, नीतिन शुक्ल, सतेन्द्र शर्मा, सुधाकर सैनी, उमाशंकर मृत्युंजय सिंह, अमरेन्द्र, संजय कुमार, अशोक कुमार यादव, सतेन्द्र मिश्र आमरण अनशन पर बैठे हैं।

News : rashatriyasahara.samaylive.com (1.4.12)
लखनऊ जाएंगे टीईटी अभ्यर्थी
(UPTET : TET candidates Move To Lucknow)

लखनऊ जाएंगे टीईटी अभ्यर्थी
ज्ञानपुर। पुलिस लाइन स्थित संतोषी माता के मंदिर परिसर में हुई बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों ने लखनऊ में चल रहे अनशन को समर्थन देते हुए उसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया। अध्यक्षता अजय कुमार मिश्र और संचालन मुन्नालाल यादव ने किया। इस मौके पर ऋषिराज श्रीवास्तव, विवेक कुमार, प्रमोद कुमार यादव, विवेक श्रीवास्तव, अशोक कुमार सरोज, विपिन मिश्रा, जितेंद्र गुप्ता, उमेश मौर्य, अनुपम आनंद, राजेश पाल, आदिल अंसारी सहित बड़ी संख्या में अभ्यर्थी थे।

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एक अप्रैल को लखनऊ चलने का आह्वान
अमरोहा। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष समिति की बैठक में लखनऊ में चल रहे आमरण अनशन में चलने का आह्वान किया गया। शनिवार को मोहल्ला पीरगढ़ में संजीव सैनी के आवास पर हुई बैठक में जिलाध्यक्ष सौरभ सक्सैना ने कहा कि सरकार ने परीक्षा को मेरिट के आधार पर बहाल नहीं किया, तो लंबी जंग के लिए कमर कस लें। उपाध्यक्ष संजय सैनी ने कहा कि एक अप्रैल को शाम 5 बजे लखनऊ रवाना होंगे। बैठक में मौहम्मद मारूफ, अशोक कुमार, सुरजीत सिंह, अतुल कुमार, दिनेश यादव, मुकेश कुमार, संजीव कुमार, अजीत सिंह, अनुज ने भी विचार रखे।

आज निकालेंगे शांति मार्च 
अहरौला। टीईटी उत्तीर्ण संघ अहरौला द्वारा एक अप्रैल को क्षेत्र में शांति मार्च निकाला जाएगा। यह जानकारी अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि शांति मार्च बीआरसी कार्यालय से प्रारंभ होकर विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण के बाद बीआरसी कार्यालय अहरौला पहुंच सभा के रूप में तब्दील हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सभा के बाद एसडीएम बूढ़नपुर और एसओ अहरौला के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।

टीईटी अम्यर्थियों ने निकाला मौन जुलूस 
•विभिन्न मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन 
संभल। टीईटी प्रशिणार्थियों ने शहर में मौन जुलूस निकालकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। टीईटी चयन प्रक्रिया मे धांधली को लेकर प्रशिणार्थियों ने संभल में मौन जुलूस निकाला। एसडीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम अनुज कुमार झा को सौंपा। प्रशिणार्थियों ने हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां ले रखी थी। मांग पत्र में बेरोजगारी भत्ते के लिए आयु 35 वर्ष से कम कर 30 वर्ष करने, चयन प्रक्रिया मेे धांधली रोकने आदि मांग की। बेरोजगारी भत्ते के लिए सिर्फ बीपीएल के राशन कार्ड धारकों को ही सरकार द्वारा भत्ता देने का विरोध कर हर बेरोजगार को दिलाने की मांग की। इस दौरान बिटटन, कोकब, तफसीर, मिथुन, फराज, दिलशाद, महेंद्र, अंशु सागर, शाहरूख, तौकीर अहमद, महबूब अली, राकेश रहे।

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सूबे में सरकारी नियुक्तियों पर लगी रोक, सरकारी नौकरी के अरमानों पर फिर गया पानी 
• टीईटी अभ्यर्थियों को लगा जोर का झटका 
सहारनपुर। लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाने वाली भर्ती और न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में की जाने वाली नियुक्तियों को छोड़कर प्रदेश में सभी तरह की नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से सरकारी विभागों में नियुक्ति पाने वाले उम्मीदवारों को जोरदार झटका लगा है। इतना ही नहीं, महीनों से प्रदेश में 72 हजार से ज्यादा पदों पर टीचर बनने का सपना संजोए लाखों टीईटी अभ्यर्थियों के अरमानों पर भी पानी फिर गया है।
उत्तर प्रदेश शासन में प्रमुख सचिव राजीव कुमार की ओर से इस बारे में शासनादेश जारी किया गया है। जनपद में कार्मिक विभाग और कोषागार कार्यालय को शासनादेश शनिवार को पहुंच गया। यहां यह मंडलायुक्त कार्यालय के माध्यम से भेजा गया। कोषागार कार्यालय के सूत्रों की मानें तो इस समय राज्य सरकार के विभागों में ही जनपद में कम से कम 10 हजार रिक्तियां हैं। इसके अलावा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद टीचर बनने का सपना देख रहे जिले के 21 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों के अरमानों पर भी पानी फिर गया है। अभी तक ऐसे अभ्यर्थी पुरानी मेरिट व्यवस्था के तहत टीचर बनने का सपना देख रहे थे। मंडलायुक्त सुरेश चंद्रा ने बताया कि फिलहाल सरकारी नियुक्तियों पर रोक लग गई है। यह कब तक रहेगी, इस बारे में कहना मुश्किल है। अपर आयुक्त के माध्यम से इस आदेश के बारे में विभागों को अवगत करा दिया गया है।


News : Amar Ujala (1.4.12)
(UPTET : Anshankari / Hunger Strike TET Morcha President Health Condition Serious , Hospitalized )


हरदोई। शिक्षक बनने का सपना देखने वालों ने दो दिन से आर पार की लड़ाई लड़ना शुरू कर दिया है। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश आह्वान पर लखनऊ में शुक्रवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया, जिसमें जिले से भी सौ से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। दूसरे दिन ही जिले के मोर्चा अध्यक्ष की हालत खराब होने के कारण उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
जिले में भी इसकी सूचना आते ही अन्य शिक्षित बेरोजगारों में भी रोष फैल गया। 72 हजार से ज्यादा शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती को सरकार टीईटी परीक्षा क रवाती है और उसमें आए अंकों पर ही सफल अभ्यर्थियों को शिक्षक बनाने का सपना दिखाती है, पर दूसरी पार्टी सत्ता में आते ही इन अभ्यर्थियों के सपनों को चकनाचूर करने का काम करती है और भर्ती को ही निरस्त करने की मूड में दिखती है, जिसको भांप कर टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी आरपार की लड़ाई लड़ने को मजबूर हो गए। लखनऊ के दारुल शफा में क्रमिक अनशन शुरू हो गया। जिसमें पूरे प्रदेश के अभ्यर्थी शामिल हुए।इधर जिले से भी अध्यक्ष अवनीश यादव के नेतृत्व में सौ से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए। दूसरे दिन सुबह से ही अध्यक्ष अवनीश की हालत खराब होने लगी। जिसके बाद इस कदर हालत खराब हुई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके साथ ही मेरठ जिले के मोहम्मद सफी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बहरहाल इसकी सूचना जिले में आते ही अन्य शिक्षित बेरोजगारों में भी रोष है। उनका कहना है कि युवाओं की सरकार कही गई सपा सरकार ही युवाओं का शोषण कर रही है।  ********** आज होगी बैठक ललितपुर। टीईटी छात्रों के लखनऊ में चल रहे आमरण अनशन को समर्थन देने के लिए विचार-विमर्श को बैठक एक अप्रैल को शाम चार बजे आहूत की गई है। यह जानकारी राजेंद्र राठौर ने दी। उन्होंने छात्र- छात्राआें से बैठक में शामिल होने की अपील की है।


News : Amar Ujala (1.4.12)

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