Saturday, April 28, 2012

UPTET : वार्ता के आश्वासन पर माने टीईटी अभ्यर्थी



लखनऊ। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे विभिन्न जिलों के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शनिवार को राजधानी में फिर धरना-प्रदर्शन किया और सार्थक निर्णय होने तक दारुलशफा में धरने पर बैठ गए। हालांकि देर रात डीआईजी आशुतोष पांडेय ने टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मशक्कत के बाद धरना स्थगित करने पर मना लिया। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो मई को जनता दरबार में टीईटी प्रतिनिधियों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस आश्वासन के बाद टीईटी अभ्यर्थियों ने धरना स्थगित कर दिया। उधर, धरना स्थगित करने के बाद टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मिश्रा ने कहा कि दो मई को सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन तेज करेंगे। इससे पहले दिन में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने चारबाग से धरना-प्रदर्शन करते हुए विधान भवन की तरफ कूच किया। पुलिस ने इन अभ्यर्थियों को स्टेशन पर ही रोकने की कोशिश की तो उन्होंने वहीं पर विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में हंगामा बढ़ता देख प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को दारुलशफा जाने की अनुमति दी तब अभ्यर्थी चारबाग से मार्च निकाल कर दारुलशफा पहुंच गए। अभ्यर्थियों को दो घंटे के धरना-प्रदर्शन की अनुमति मिली थी, लेकिन वह देर रात तक दारुलशफा पर डटे रहे। अभ्यर्थियों का कहना है जब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी, तब वह धरना प्रदर्शन खत्म कर देंगे।
टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष विवेकानंद ने बताया कि टीईटी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रदेश सरकार ने 26 अप्रैल तक समय मांगा था, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने न आने पर टीईटी अभ्यर्थियों को यह कदम उठाना पड़ा।

News : Amar Ujala (29.4.12)


UPTET : मांगों को लेकर बेरोजगारों का प्रदर्शन

लखनऊ, 28 अप्रैल (जागरण संवाददाता): अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने एक बार फिर अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरकर आवाज बुलंद की। प्रदेश के कोने-कोने से राजधानी पहुंचे अभ्यर्थी शनिवार सुबह चारबाग स्टेशन पर एकत्र हुए। अभ्यर्थियों की भीड़ को देखकर स्टेशन प्रशासन के भी हाथ पांव-फूल गए। आनन-फानन में अभ्यर्थियों को स्टेशन से हटाने की कवायद शुरू की गई। वाहन कम पड़ गए तो अभ्यर्थियों की पैदल कतार बनाकर विधान भवन स्थित धरना स्थल पहुंचाया गया। रात नौ बजे डीआइजी द्वारा आश्वासन दिया गया कि दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी, इसके बाद धरना समाप्त हो गया। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का कहना है कि जबतक टीईटी के प्राप्तांकों को मेरिट का आधार बनाकर नियुक्ति नहीं की जाती, आंदोलन चलता रहेगा। शासन से इस बाबत लिखित आश्वासन मिले और विज्ञप्ति जारी की जाए कि चयन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों ने इन्हीं मांगों को लेकर शनिवार को यहां विधान भवन के सामने धरना देने की तैयारी की। सुबह से ही चारबाग पर अभ्यर्थियों के आने के सिलसिला शुरू हो गया। अभ्यर्थियों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि उन्हें संभालना मुश्किल हो गया। चारबाग पर ही अभ्यर्थियों ने धरना और सभा शुरू कर दी। रेलवे स्टेशन पर इतनी भीड़ एकजुट होने पर पुलिस-प्रशासन ने अभ्यर्थियों को यहां से हटाने की कवायद शुरू की। अभ्यर्थियों को पुलिस ने गाडि़यों से विधान भवन भेजना शुरू किया। गाडि़यां कम पड़ीं तो अभ्यर्थियों की लंबी कतार बनाकर विधान भवन की तरफ मोड़ दिया गया। अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए और नारेबाजी करते हुए विधानभवन पहुंचे। कई बार पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी झड़प भी हुई।

News : Jagran (29.4.12)
टीईटी में मेरिट पर भर्ती की मांग को लेकर हंगामा

दो मई को मुख्यमंत्री से वार्ता के आश्वासन पर धरना स्थगित
अमर उजाला ब्‍यूरो

लखनऊ। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे विभिन्न जिलों के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शनिवार से राजधानी पहुंचकर फिर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सुबह चारबाग से विधान भवन के सामने धरना-प्रदर्शन करने जा रहे इन अभ्यर्थियों को स्टेशन पर ही रोकने की कोशिश की तो उन्होंने स्टेशन पर ही विरोध-प्रदर्शन किया। बाद में हंगामा बढ़ता देख प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को दारुलशफा जाने की अनुमति दी तब अभ्यर्थी चारबाग से मार्च निकाल कर दारुलशफा पहुंच गए। हालांकि देर रात डीआईजी आशुतोष पांडेय टीईटी अभ्यर्थियों को काफी मशक्कत के बाद धरना स्थगित करने को मना पाए। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो मई को जनता दरबार में टीईटी प्रतिनिधियों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे। इस आश्वासन के बाद देर रात टीईटी अभ्यर्थियों ने धरना स्थगित कर दिया।
उधर, धरना स्थगित करने के बाद टीईटी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विवेक मिश्रा ने कहा कि दो मई को सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ तो टीईटी अभ्यर्थी आंदोलन तेज करेंगे। इससे पूर्व शनिवार को चारबाग स्टेशन पर प्रदेश भर से आए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया। दारुलशफा में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देेने पर अभ्यर्थियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी किया। टीईटी की मेरिट के आधार पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर शनिवार को अभ्यर्थियों ने चारबाग से दारूलशफा तक मार्च किया


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट और उसकी लखनऊ बेंच को एक ही मसले पर समानांतर सुनवाई करने पर कड़ी फटकार लगाई है। शीर्षस्थ अदालत ने हिदायत देते हुए कहा है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए जिसकी जजों से उम्मीद की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ डबल बेंच द्वारा इलाहाबाद की डबल बेंच के फैसले को नजरअंदाज किए जाने को अनुचित करार देते हुए कहा कि इस मामले में दोनों बेंचों का विरोधाभासी फैसला न्यायिक नियमों के विपरीत है। ऐसी स्थिति में सबसे बेहतर यही था कि मामले को बड़ी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेज दिया जाता। सर्वोच्च अदालत के मुताबिक न्यायिक अनुशासनहीनता की स्थिति को काबू करने या समान बेंच के विचार न मिलने की स्थिति में मसले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजा जाना ही उचित होता है। पीठ ने कहा कि लखनऊ डबल बेंच को खुद इस मामले पर निर्णय देने का भार नहीं उठाना चाहिए था। शीर्षस्थ अदालत ने कहा कि हमारी राय में दोनों ही बेंच को न्यायिक अनुशासन व शिष्टाचार पर ध्यान देना चाहिए और भविष्य में ऐसा न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए। पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नहीं भूला जाना चाहिए जिसकी उम्मीद जजों से की जाती है।
पीठ ने यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी कर्मियों की ओर से दायर उस अपील पर की जिसमें प्रमोशन व वरिष्ठता में आरक्षण देने के राज्य सरकार के प्रावधान को चुनौती दी गई थी। न्याय देने के जोश में उस गंभीर जिम्मेदारी को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, जिसकी जजों से उम्मीद की जाती है।
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UPTET : Heavy Crowd of UPTET Candidates Collected  in Lucknow for Anshan

3 week time over and today heavy crowd of TET candidates collected in Lucknow to know progress - When will Recruitment of TET Candidates start

See :









Charbag Station par ikatthe hote hue TET Candidates, Dhoop Paseene mein nahate hue apne haq kee ladaee ladte hue

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Charbag Station se Vidhan Sabha kee aur prstan karte hue TET candidates
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Tanker ka panee peete hue  TET candidates


Candidates did everything acccording to Government rules and NCTE Guidelines regarding RTE implementation.

Candidates want to know Government stand , and saying only culprits should be punished.
Advt. govt. ne nikala, bhartee govt ke niyamon se ho rahee thee va antim padav par thee.
Candidates (TET rank holde) lagbhag select ho chuke the va counselling karke appointment letter deeye jane baki the.

Par ab candidates anishitta ke mahol se ghir chuke hain. Aur ve govt. kee aage kee process janne ke leeye bechen hain - Ki Bhartee kab va kaise hogee.

Akhbaron mein sandeh bharee khabren aa rahee hain ki TET se recruitment cancel ho sakta hai.
Aur sarkaar ka koee spastikaran na aane se candidates bechen ho rahe hain ki ab unke bahvisye ka kya hoga.

Highcourt TET merit se bhartee ke favour mein pehle hee spast kar chuka hai - Kee TET Merit se bhartee niyamo ke vipreet nahin hai. Aur prkria ko achha bhee mana hai.

NCTE guideline mein saaf shabdon mein TET marks kee weightage selection mein dene kee baat kahee gayee.

Kaee TET candidates ka sochna hai ki jab 5 jilon se saare jilon mein aavedan ke leeye vigyapna sansodhit ho sakta hai to ab mamla kahan atak raha hai. (candidates in apna kafee saar paisa, mehnat va keemtee samay is bhartee mein laga deeya aur vo bhee saara govt. ke niymanusaar, to unkee kya galtee hai aur sarkaar akhbaar/news mein aa rahee bhramak khabron ko khandan kyon nahin kar rahee.
Kya TET se bhartee ab cancel ho jayegee, aur begunahon ko saja milegeee ya dosee adhikarion/candidates ko saja milegee. Sarkaar ka rukh kya hai TET candidates ke prati ?

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3 हफ्तों का समय अवधि पूरी हो चुकी और टीईटी अभ्यर्थी दोबारा से लखनऊ में  इकट्ठे हो रहे हैं उन को समझ नहीं आ रहा कि आये दिन अख़बारों के माध्यम से जो भ्रामक ख़बरें आ रही हैं - कि टीईटी से भर्ती निरस्त ही जायेगी या चयन प्रक्रिया में बदलाव हो जायेगा और सरकार ऐसी भ्रामक ख़बरों का खंडन भी नहीं कर रही पहले ५ जिलों से आवेदन वाले विज्ञापन में संसोधन भी हो गया था | पर अब विज्ञापन मामला कहाँ अटक रहा है | अभ्यर्थी कह रहे हैं - कि उनकी क्या गलती , जैसा सरकार ने चाहा उन्होंने आवेदन कर दीया 
कोर्ट भी कह चुका है कि टीईटी  मेरिट से भर्ती नियम विरुद्द नहीं है व टीईटी  अंकों से भर्ती को सराहा भी है 
अभ्यर्थीयों ने अपनी मेहनत, पैसा व् कीमती समय इस टीईटी   परीक्षा से भर्ती में लगा दीया उनकी क्या गलती | जो लोग दोषी हैं - भ्रष्ट / बेईमान अधिकारी व्  जिन अभ्यर्थीयों ने   टीईटी  अंक बढवाने में पैसा दीया , उनको दण्डित किया जाये | चयन प्रक्रिया अंतिम दोर में थी , सिर्फ काउंसलिंग के जरिये नियुक्ति पात्र दीये जाने बाकि थे | पर अचानक अख़बारों में भ्रामक ख़बरें व सरकार का स्पस्टीकरण न आने से अभ्यर्थी  मानसिक तनाव से गुजरने लगे और उनके भविष्य पर काले बादल मंडराने लगे और अब वे पुन : लखनऊ  में अपने हक के लिये  एकत्रित हो रहे हैं , लगता है दोबारा से अनशन / धरना प्रदर्शन होने जा रहा है 

UPTET :नियुक्ति न होने पर आत्महत्या की धमकी

सरकार बीएड बेरोजगारों के साथ कर रही हीलाहवाली

महेवा (इटावा)। उत्तर प्रदेश बीएड बेरोजगार संघ एवं टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को बैठक कर सरकार से नवीन शिक्षा सत्र के पूर्व माध्यमिक, उच्च प्राथमिक एवं इंटर कालेजों में सीधी भर्ती करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर बीएड बेरोजगारों ने आत्महत्या की धमकी दी है। बीएड बेरोजगार संघ के ब्लाक संरक्षक राजेश कुमार दुबे ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 11 लाख अध्यापकों की प्राथमिक विद्यालयों म आवश्यकता है। जिनमें सर्वाधिक बिहार में दो लाख और यूपी में सवा तीन लाख शिक्षकों की कमी है। वहीं शिक्षामित्रों को यदि स्थायी अध्यापक बना दिया जाए तो भी एक लाख 62 हजार शिक्षकों की जुलाई के पूर्व यूपी में सर्व शिक्षा अभियान के तहत जरूरत हैं। लेकिन पूर्व सरकार की भांति यह सरकार भी बीएड बेरोजगारों के साथ हीलाहवाली कर रही है। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पंकज प्रताप पाल ने उच्च न्यायालय के 30 अप्रैल के निर्णय के बाद जो भी निर्णय आए अभ्यर्थियों के हित  देखते हुए जुलाई के पूर्व नियुक्ति देने की मांग की है।
पूर्व में बुलंदशहर के महेंद्र सिंह और संत कबीरनगर के अंगद सिंह की आत्महत्या की तरह वे भी अपनी जान देने को विवश होंगे। इस दौरान मोहित शुक्ला, तेजप्रताप, अनुजपाल, अंकुर सक्सेना, धर्मेंद्र दुबे, वास्वी तिवारी, चित्रा चौहान, सुनीता दोहरे, जितेंद्र दोहरे, सत्यवीर आदि रहे।


टीईटी उत्तीर्णों को शीघ्र दी जाए नौकरी, 
 सीएम को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा

मैनपुरी। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को टीईटी उत्तीर्णों की बैठक कलक्ट्रेट स्थित तिकोनिया पार्क में आयोजित की गई। बैठक के बाद प्रदर्शन कर कहा कि सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। शुक्रवार को तिकोनिया पार्क में आयोजित बैठक में त्रिभुवन मिश्रा ने कहा कि सरकार टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के हितों की अनदेखी कर रही है। इससे वह मानसिक तनाव में हैं। हाईकोर्ट में भर्ती विज्ञप्ति पर लगी रोक अविलंब हटवाने के साथ ही उन्हें परिषदीय विद्यालयों में तैनाती दी जाए।
अंकुर कुमार ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को 30 नवंबर 2011 को प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार मेरिट के आधार पर टीईटी उत्तीर्ण अध्यापकों की भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया में विलंब के कारण हम सभी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में विलंब होने के कारण गलत संदेश जा रहा है। अत: तत्काल उन्हें शिक्षक पद पर नियुक्ति दी जाए। बैठक के बाद प्रदर्शन कर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा।
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उपेक्षा से टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश
कुरावली (ब्यूरो)। शासन द्वारा टीईटी भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने की सिफारिश से नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में आक्रोश है। अभ्यर्थियों का कहना है कि शासन द्वारा उनकी उपेक्षा की जा रही है। सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। शुक्रवार को नगर के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित बैठक में टीईटी उत्तीर्ण रजनीकांत दुबे ने कहा कि बसपा शासन ने प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी के जरिए विज्ञापन प्रकाशित कराया था। उस समय कम मेरिट वाले बीएड धारकों को आस जगी थी कि वह मेहनत से टीईटी उत्तीर्ण कर शिक्षक बन सकेंगे। टीईटी परीक्षा पर सवालिया निशान लगने के साथ ही सत्ता परिवर्तन हो गया। अब टीईटी भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की शासन ने सिफारिश कर दी है। जिससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
सालिगराम शाक्य ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री को बीएड धारक युवा बेरोजगारों की समस्या को समझने के साथ ही वर्तमान में शिक्षकों की भर्ती के लिए जागरूक होना चाहिए। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थियों के हितों के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
अभिषेक गुप्ता ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री टीईटी अभ्यर्थियों के हित में निर्णय लेकर नई पहल करेंगे। बैठक को अनिल दिवाकर, सोनू यादव, दीपक तिवारी, अवधेश गुप्ता, राकेश गुप्ता, धर्म नारायण, अनिल कुमार, नीरज पांडेय ने संबोधित किया।

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धरने को सफल बनाने का आह्वान
अहरौला (सं.)। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा इकाई अहरौला की बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें अभ्यर्थियों से लखनऊ अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन को सफल बनाने का आह्वान किया गया। इस मौके पर रघुवंशी, दीपक गिरी, अयोध्या कुमार, विरेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, रजनीकांत, मिथिलेश कुमार, पंकज यादव, अजय सोनी, कृष्ण कुमार सिंह, सुनीता मौर्या, राजबहादुर यादव आदि उपस्थित थे।

News : Amar Ujala (28.4.12)
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टीईटी अभ्यर्थियों ने बनाई आंदोलन की रणनीति
 अंबेडकरनगर, टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अभ्यर्थियों ने कलेक्ट्रेट के समक्ष बैठक कर शनिवार को लखनऊ में होने वाले प्रदर्शन में भाग लेने की रणनीति तैयार की। साथ ही निर्णय लिया कि शनिवार को भोर में समूह में प्रदेश की राजधानी के लिए कूच करेंगे। 
आंदोलन की तैयारी पर चर्चा करते हुए बड़ी संख्या में राजधानी पहुंचने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से अलग-अलग टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई। निर्देशित किया गया कि प्रत्येक अभ्यर्थी को यह मानकर चलना है कि लड़ाई फाइनल की है। वक्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि सरकार का रवैया इसी तरह अड़ियल रहा तो संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसके पूर्व टीईटी आंदोलन के दौरान बुलंदशहर के महेंद्र व संतकबीरनगर के अंगद चौरसिया की शहादत पर श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इस मौके पर अनिल कुमार वर्मा, राधेश्याम, रजनीश, राम कोमल, बृजेश कुमार, प्रदीप, राकेश व आत्माराम समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

News : Jagran (28.4.12)


UPTET :  टीईटी घोटाला - जेडी और डीआईओएस दफ्तर में जांच

एंटीकरप्शन टीम ने लिया अफसरों की भूमिका का ब्यौरा

कानपुर। टीईटी घोटाले की जांच कर रही पुलिस की एंटीकरप्शन शाखा की दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) और डीआईओएस कार्यालय में छानबीन की। लखनऊ से टीम के आने से कार्यालय में हड़कंप मचा रहा। जेडी और डीआईओएस के कार्यालय में न होने पर टीम ने विभाग के बाबुओं से  परीक्षा प्रक्रिया की पड़ताल की। वहीं, डीआईओएस द्वितीय से भी परीक्षा में उनकी भूमिका के बारे में पूछा। इंस्पेक्टर आरके सिंह के नेतृत्व में एंटीकरप्शन की टीम शुक्रवार दोपहर चुन्नीगंज स्थित जेडी कार्यालय पहुंची। जेडी माया निरंजन के कार्यालय में न मिलने पर विभाग के बाबुओं से प्रश्न पत्रों की गोपनीयता, प्रश्न पत्र रखने के स्थान, परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र पहुंचाने और ओएमआर शीट को सील बंद करने की प्रक्रिया के बारे में पूछा। इसके बाद टीम डीआईओएस कार्यालय पहुंची।
 डीआईओएस शिवसेवक सिंह के न होने पर टीम ने डीआईओएस द्वितीय विभा शुक्ला से परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी भूमिका और परीक्षा के दौरान केंद्रों का दौरा करने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि परीक्षा केंद्र निर्धारण में उनकी कोई भूमिका नहीं थी जबकि पांच केंद्रों का निरीक्षण उन्होंने किया था।

News : Amar Ujala (28.4.12)
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UPTET : अभी और हटेंगे घोटालेबाजों के चेहरे से नकाब

कानपुर, नगर प्रतिनिधि : 72 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के घोटाले में अभी दलाल, शिक्षा विभाग के अफसर और कुछ लिपिकों के नाम भी सामने आ सकते हैं। यह संकेत शिक्षा विभाग में जांच कर लौटी एंटी करप्शन टीम ने दिये। टीम के मुताबिक तीन-चार माह में जांच पूरी होने की संभावना है।

पिछले वर्ष 13 नवंबर को आयोजित टीईटी परीक्षा का परिणाम 25 नवंबर को घोषित किया गया था। परीक्षा में सवालों को लेकर परिणाम में कई बार संशोधन हुआ, इसके बाद भी हेरफेर किया गया।

सूत्रों के मुताबिक रमाबाई नगर पुलिस ने तत्कालीन शिक्षानिदेशक संजय मोहन और उनके दामाद धीरज गर्ग के यहा छानबीन में इलाहाबाद से टीईटी घोटाले का कनेक्शन मिला है। चुनाव के पहले रमाबाईनगर पुलिस ने तत्कालीन डीजीपी अतुल कुमार को अवगत करा दिया था। जांच के बाद संजय मोहन समेत आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुक्रवार को विजिलेंस की एंटी करप्शन टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में परीक्षा प्रक्रिया व परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को समझने के साथ शासनादेश भी देखा। साथ ही तीन लिपिकों के बारे में भी पूछताछ की। हालांकि एंटी करप्शन टीम जांच की बात कहकर अपने पत्ते नहीं खोल रही है। इनकी संलिप्तता खंगालने के बाद सुबूत के साथ पुलिस इन पर हाथ डालेगी।

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'डीआईओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में अधिकारियों एवं लिपिकों से पूछताछ की। मामले में आधी विवेचना हो चुकी है, तीन-चार माह में पूरी होने की संभावना है। '

- एके सिंह, इंस्पेक्टर एंटी करप्शन (विजिलेंस)

News : Jagran (27.4.12)

यूपी में प्रमोशन में आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
(Reservation in Promotion is cancelled by Supreme Court, Shocking News for Mayavati Government)

नई दिल्ली। पूर्ववर्ती मायावती सरकार के एक बड़े फैसले को जबरदस्त झटका लगा है। मायावती ने प्रमोशन में रिजर्वेशन लागू किया था जिसके चलते उत्तर प्रदेश के हजारों कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रमोशन मिला था। प्रमोशन पाने वाले सारे लोग आरक्षित वर्ग के हैं। इसके चलते सालों जूनियर लोग अपने सीनियर्स से भी सीनियर हो गए थे। हाई कोर्ट ने इस फैसले को गलत करार दिया था जिसपर तत्कालीन मायावती सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन सभी लोगों का प्रमोशन वापस लिया जाएगा। इसके अलावा लोगों के प्रमोशन सिनियोरिटी लिस्ट के मुताबिक ही होंगे। और जिनका प्रमोशन हो चुका है उनकी सिनियोरिटी लिस्ट में वो ही जगह हो जाएगी जो पहले थी।

वहीं अखिलेश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही तय कर चुकी थी कि वो इस पूरे मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी।

मालूम हो कि अगर ये फैसला लागू रहता तो अगले 7 साल में हर विभाग का विभागाध्यक्ष सिर्फ आरक्षित वर्ग का रहता। गौरतलब है कि कि मायावती सरकार ने राज्य कर्मचारियों की प्रोन्नति में दलितों के लिए आरक्षण का प्रावधान कर दिया था। राज्य कर्मचारियों का एक बड़ा तबका इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गया। हाई कोर्ट ने माना कि प्रमोशन में आरक्षण नहीं होना चाहिए। मायावती सरकार हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गयी थीं।

News : khabar.ibnlive.in.com ( 27.04.2012)

UPTET : मुख्यमंत्री से मिलेगा टीईटी संघर्ष मोर्चा

संभल/चंदौसी। टीईटी संघर्ष मोर्चा की सरदार भगत सिंह पार्कमें हुई बैठक में शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर नौकरी दिलाने की मांग रखने का निर्णय लिया गया। टीईटी अभ्यर्थियों की सरदार भगत सिंह पार्क में बैठक हुई। जिला महा सचिव प्रियंक त्यागी ने कहा कि सभी अभ्यर्थी कल लखनऊ पहुंचकर अपनी ताकत  का अहसास कराते हुए सीएम केसामने उपस्थित होकर अपनी मांग रखेंगे। सरकार से जल्दी से जल्दी नौकरी दिलाने की मांग करेंगे। इस मौकेपर महिपाल सिंह, मुहम्मद तसलीम, अचल सक्सेना, तौकीर अहमद, रामवीर सिंह, मुहम्मद हिलाल, सौरभ गुप्ता, जफर उल्ला खान, सुनील कुमार, आनंद कुमार, लौकेश कुमार, काविंद्र सिंह आदि रहे। वहीं चंदौसी। टीईटी बेरोजगार 27 अप्रैल को लखनऊ में सरकारी नौकरी के लिए सरकार के समक्ष हुंकार भरेंगे। लखनऊ कूच की तैयारी शुरू हो गई है और इसी क्रम में गुरुवार को बैठक हुई जिसमें विष्णु कुमार, जयप्रकाश, मोहम्मद अशरफ, प्रभाकर शर्मा, मनोज कुमार, विशाल शर्मा आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता उमेश यादव ने की। संचालन हरेंद्र सिंह ने किया।


यु. पी. टी. ई. टी आन्दोलनकारीओं के कारन लखनऊ में ट्रेफिक की भयावह स्थिती


Start recruitment process, demand Teacher Eligibility Test qualifiers
News : Times of India ( 29.4.12) -

LUCKNOW: Thousands of candidates who had cleared the Teacher Eligibility Test staged aprotest at the Dharna Sthal on Saturday morning. The candidates have been protesting against non-fulfilment of their pending demands of beginning the recruitment process for 72,000 vacant posts of teachers in government primary and upper primary schools. 

The agitated candidates blamed the UP chief minister, Akhilesh Yadav for taking no action and putting their future at stake. "Three weeks back, we met the CM, who assured us of an early action. But till date, nothing has been done," said a candidate. The CM on May 5 has constituted a three-member committee under the leadership of chief secretary who would assess the pros and cons of cancelling the test. The committee is to submit its report within three weeks.  The test conducted for the first time is under a probe which was announced by the Mayawati government following charges of large-scale irregularities. In this regard, the then secondary education director, Sanjay Mohan was arrested and subsequently suspended after his name surfaced in the TET scam. He was alleged of duping unemployed youth by promising them success in the test. Many other education officials are said to be involved in it. Due to these anomalies, the state government has been thinking hard to cancel the test. However, the qualified TET candidates argued that they cannot be made to suffer because of few candidates who resorted to back door entry by bribing officers. Agitated with this, Shiv Kumar Pathak, a candidate said, "It is the question of 72,000 candidates. Majority of those who took the exam belong to below poverty line families and getting a job through TET was their only hope. The government should think of our future, and take an immediate decision." 
TET was conducted for the first time on November 13, 2011 by the UP Madhyamik Shiksha Parishad. It has been surrounded by anomalies since the beginning. After its results were declared on November 26 last, it was found that some anti-social elements tried to lure youth by promising them success in the test. TET appeared to be a moneymaking deal for the higher ups. As many as 11,53,155 candidates took the test, out of which, 2.7 lakh candidates successfully qualified TET. Out of this, 72,000 are to be selected for the job. 

News : Times of India ( 29.4.12)
Daytime nightmare for Lucknow commuters on weekend

News : Times of India ( 29.4.12) - 


LUCKNOW: The revival of the city's old Dharna Sthal located near the UP assembly on Vidhan Sabha Marg has undoubtedly hit the normal life. And the first casualty in any of these situations seems to be the commuters and the traffic. The situation was no different on Saturday, as thousands of TET (Teacher Eligibility Test) examinees took out a protest march, thus throwing traffic out of gear on the main Charbagh-Hazratganj route.

According to one of the TET protestors, at least 10,000 of them had to come to the state capital on the day, to show their strength. Even if it wasn't their full strength, the sea of people, on the roads, was enough to give commuters a nightmare in the day time itself.

The protestors not only created chaos on the roads, but also tried to create disturbance at Charbagh station. They had gathered in the circulating area of the station and had planned to sit on a dharna at the station. The crowd was later controlled by the police and protestors were made to move to Dharna Sthal.

The administration, in order to keep the chaos off the roads, transported some of the protestors through buses to the Dharna Sthal. Though the protestors were moving in a queue, with police present at every stretch, there were so many of them that it was rather quite difficult to drive on the roads. As a result, traffic was literally crawling on the main road from Charbagh to Hazratganj. The already crowded and encroached crossings of the city, like Hussainganj and Burlington, were choked, with hardly any space to move. The PAC vans parked alongside roads ate into the already little space available on the roads.

Morning's rush hour traffic also added to the mounting traffic woes. There were also few who tried driving haphazardly, in order to wriggle out of jam, but, in the end, they caused even more chaos. The situation lasted for quite a few hours till the time TET protestors did not reach the Dharna Sthal.

News : Times of India (29.4.12)

UP News : प्रमोशन-डिमोशन पर लगी रोक, प्रोन्नति में कोटा
न्यूज़ साभार - अमर उजाला  
प्रशासनिक आदेश जारी होने के बाद होगी कार्यवाही

लखनऊ। पदोन्नतियों में आरक्षण के मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शासन ने
फिलहाल किसी भी तरह की पदोन्नति व पदावनति पर रोक लगा दी है। इस सबंध में कार्मिक विभाग की
ओर से सभी विभागों को निर्देश भेज दिए गए हैंसरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को यहां यह जानकारी देते
हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिपेक्ष्य में कार्मिक विभाग द्वारा सभी बिंदुओं का परीक्षण
करते हुए पदोन्नति व पदावनति के संबंध में समस्त विभागों को अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
कार्मिक विभाग की ओर से आज आदेश जारी करके सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि नए दिशा-निर्देश
जारी होने तक किसी भी प्रकार की पदोन्नति या पदावनति की कार्यवाही न की जाए। सूत्रों के अनुसार
पदोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद शीर्ष न्यायालय ने फरवरी
11 में यथास्थिति का आदेश दिया था। शुक्रवार को न्यायालय का आदेश आने के बाद यथास्थिति संबंधी
आदेश  स्वत: समाप्त हो गया है। 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल के लिए प्रशासनिक आदेश की औपचारिकता पूरी की जानी है। सूत्रों का
कहना है कि आदेश जारी करने के पीछे सरकार की मंशा की यह भी है कि कहीं कोई विभाग न्यायालय के
आदेश की अपने तरीके से व्याख्या करके पदोन्नति या पदावनति का फैसला न कर ले।

News : Amar Ujala (29.4.12)
न्यूज़ साभार - अमर उजाला  
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को फटकारा , इलाहाबाद आैर लखनऊ बेंच को न्‍यायिक अनुशासन बरतने की सलाह

अमर उजाला ब्यूरो लखनऊ। न्यायपालिका के समक्ष त्वरित न्याय प्रदान करने की चुनौती अभी बनी हुई है। खासकर अधीनस्थ न्यायालयों में यह समस्या अधिक है। इससे वादियों में निराशा पैदा होती है। मनुष्य की उम्मीदों की सीमा होती है और मौजूदा जीवन शैली में अंतहीन इंतजार किसी के लिए भी संभव नहीं है। यह विचार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एएस आनंद ने व्यक्त किए। वे शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित प्रो. वीएन शुक्ला स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे।
भारतीय न्यायपालिका के 60 वर्षों की यात्रा पर चर्चा करते हुए जस्टिस आनंद ने कहा कि भारतीय संविधान को जनता के लिए प्रगतिशील रूप से व्यवस्थित करना आरंभ से ही न्यायपालिका का प्रयास रहा और आज भी यह काम जारी है। भूमि सुधार कानून के संदर्भ में न्यायपालिका एवं जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव की चर्चा करते हुए उन्होंने समाजवादी सिद्धांतों एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चुनाव पर हुए विवाद एवं न्यायिक निर्णयों का संदर्भ भी रखा। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों ने बहुत बार अनेक न्यायिक निर्णयों एवं सुधारों को प्रभावित किया है। न्यायपालिका ने विधि के शासन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं मानवाधिकार, पंथनिरपेक्षता, लैंगिक न्याय, लोकतांत्रिक मूल्य, अल्पसंख्यकों के अधिकार आदि की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस दौरान कुलपति प्रो. मनोज मिश्र सहित लविवि शिक्षक एवं विधि तथा न्याय क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां मौजूद रहीं।


News : Amar Ujala (29.4.12)

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