Tuesday, April 17, 2012



UPTET : टीईटी : छूट का प्रावधान, फिर क्यों फरियाद? - नूरा कुश्ती 

सहारनपुर: कई राज्यों में टीईटी प्रक्रिया परवान नहीं चढ़ सकी है। केवल उत्तर प्रदेश ने केंद्र सरकार से मार्च 2015 तक बीएड डिग्रीधारकों के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है, जबकि टीईटी एक्ट में नियमों को शिथिल कर भ‌र्त्ती का अधिकार राज्य सरकार के पास है। नियमों के उलटफेर में उलझी प्रक्रिया के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह् लग रहा है। प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शिक्षकों की भ‌र्त्ती के मानक तैयार करने के लिए एनसीटीई द्वारा टीईटी को अनिवार्य किया गया है। हालांकि इसे पात्रता परीक्षा की श्रेणी में शामिल किया गया है, लेकिन साथ ही राज्य सरकारों को छूट दी गई है कि वह इसके आधार में बदलाव कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश में तत्कालीन बसपा सरकार ने टीईटी की मेरिट को ही शिक्षक नियुक्ति का आधार बना दिया था। कई पेचों में उलझी यह प्रक्रिया अभी तक लटकी है।

कई राज्यों में उलझी है प्रक्रिया

टीईटी से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अभी तक कई राज्यों में परवान नहीं चढ़ सकी है। सूत्रों के मुताबिक हरियाणा में पैरा टीचर्स को लेकर मामला फंसा है। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड व छत्तीसगढ़ आदि में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। बताया जाता है कि एक जनवरी 2012 तक टीईटी उत्तीर्ण बीएड डिग्रीधारकों की शिक्षक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अधिकांश राज्य पूरी नहीं कर सके हैं। उत्तर प्रदेश में कानूनी पेंच व घोटाले के भंवर में मामला फंसा है।

एक्ट में छूट का प्रावधान!
विभागीय सूत्रों के मुताबिक एनसीटीई द्वारा बनाए गए टीईटी एक्ट में राज्य सरकारों को यह अधिकार है कि वह 31 मार्च 2015 तक शिक्षकों की भ‌र्त्ती करने के लिए नियमों को शिथिल कर सकती है। बताते हैं कि किसी भी राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से बीएड डिग्रीधारकों के लिए टीईटी को और समय देने का अनुरोध नहीं किया है। केवल उत्तर प्रदेश ने केन्द्र सरकार से 31 मार्च 2015 तक समय बढ़ाने की फरियाद की है। बहरहाल सवाल पैदा होता है कि क्या प्रदेश में टीईटी एक्ट के प्रावधानों को समझने में नासमझी हुई है? या फिर मामले को उलझाने के लिए यह सब नूरा कुश्ती चल रही है।

News : Jagran (16.4.12)

UP Board / UPTET : फर्जी पंजीकरण में शिकंजा कसा, 17 अफसर आैर 55 बाबू जांच में फंसे, होगी कार्रवाई

इलाहाबाद। प्रदेश के 32 जिलों में डीआईओएस दफ्तर और क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात 55 बाबुओं को अगले कुछ दिनों में आरोप पत्र थमाया जा सकता है। इलाहाबाद, चित्रकूट, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर, झांसी, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, आजमगढ़ मंडलों से जुड़े 17 अधिकारियों को भी नोटिस जारी हो सकता है। अफसरों, बाबुओं पर पंजीकरण में फर्जीवाड़े का आरोप है।

हाईस्कूल, इंटरमीडिएट परीक्षा में डेढ़ लाख से अधिक फर्जी छात्रों को शामिल कराने को लेकर उनके खिलाफ जांच चल रही है। आरोप है कि जिन विद्यालयों में पंजीकरण में गड़बड़ी की गई, उनमें से कुछ के प्रबंधक, संचालक अफसरों के परिजन ही हैं। फर्जी पंजीकरण के दोषी अधिकारियों, बाबुओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुद मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बताया गया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों ने सीएम को पत्र भेज पंजीकरण में भारी घपले का आरोप लगाया था। सीएम के निर्देश पर जांच के लिए माध्यमिक शिक्षा अभियान और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। कमेटी ने पिछले वर्ष के पंजीकरण, परीक्षा फॉर्म भरने वाले छात्रों की संख्या और स्कूलों की तरफ से खुद केबारे में दिए गए विवरण की पड़ताल की। अधिकारियों का कहना है कि टीईटी के कारण यूपी बोर्ड के अधिकारी, बाबू मुख्य परीक्षा की तैयारियों पर ध्यान नहीं दे सके। जांच में लगे एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इलाहाबाद, वाराणसी और मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से जुड़े जिलों में गड़बड़ियां पाई गई हैं।

News : Amar Ujala (17.4.12)

RTE (Right To Education Act) : महज सपना बनकर न रह जाए शिक्षा का अधिकार

•न्‍यूपा के सर्वेक्षण के मुताबिक सभी स्कूलों में सुविधाओं की भारी कमी
•मुफ्त-अनिवार्य शिक्षा देने के लिए करनी होगी सरकारों को बड़ी कसरत


नई दिल्ली। चौदह साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने के कानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट ने भले ही जारी रखा हो लेकिन राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) के ताजा अध्ययन के मुताबिक देश के सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में सुविधाओं का इतना अभाव है कि गरीब वर्ग को शिक्षा का अधिकार मिलना किसी सपने से कम नहीं लग रहा। न्यूपा के मुताबिक स्कूलों में क्लास-रूम, पानी, शौचालय, फर्नीचर और तकनीकी शिक्षा अध्यापकों की भारी कमी है। देश के प्रति प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अनुमानित तौर पर महज 4.6 प्रतिशत कमरे ही हैं। स्कूलों लड़कों के 42.59 और लड़कियों के 60.28 प्रतिशत शौचालय ऐसे है जो काम नहीं कर रहे। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 62.61 प्रतिशत स्कूलों में ही आम शौचालय (लड़का-लड़की दोनों के लिए) हैं। इनमें से सिर्फ 72 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा पूरे देश में प्रति स्कूल अध्यापकों का प्रतिशत 4.7 है। यह सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर पेश किया गया है जो एक एनजीओ की ओर से उठाई गई मांगों पर तलब किया गया था। जस्टिस दलवीर भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों से भी जवाब मांगा है अध्यापकों के मुद्दे को छोड़ दिया जाए तो मूल सुविधाओं के मसले पर सभी सरकारें अदालत में इस बाबत राज्य में कार्य को गति देने की बात कह चुकी हैं। एनजीओ के अधिवक्ता रविंदर बाना का कहना है कि न्यूपा की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि राज्यों की ओर से महज कागजों पर ही स्कूलों को सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
सिर्फ 19 फीसदी स्कूलों में दी जा रही कंप्यूटर शिक्षा न्यूपा ने अपने सर्वेक्षण में सहायता प्राप्त, गैर सहायता प्राप्त, सरकारी और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं का राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग ब्यौरा दिया है। सरकारी स्कूलों में तकनीकी शिक्षा देने के दावे भी इस सर्वेक्षण से खोखले साबित होते हैं। देश के महज 18.70 प्रतिशत स्कूलों में ही कंप्यूटर की शिक्षा उपलब्ध है। इनमें से भी मात्र 82 प्रतिशत कंप्यूटर ही काम करते हैं। 45 प्रतिशत स्कूलों में चहारदीवारी तक नहीं है, जबकि 43.14 प्रतिशत स्कूलों को ही बिजली का कनेक्शन हासिल है। रिपोर्ट में खुशी की खबर बस यह है कि स्कूलों में सुविधाओं का स्तर भले ही गिर रहा हो, लेकिन छात्रों की संख्या दिन-दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। सर्वेक्षण के मुताबिक 2010 में कक्षा एक से पांच तक में 18 लाख छात्रों की संख्या बढ़ी है।

News : Amar Ujala (17.04.12)
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‘अभिभावकों पर बोझ नहीं डालेंगे स्कूल’
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा के अधिकार को संवैधानिक रूप से अनिवार्य करने के बाद सरकार ने निजी शिक्षण संस्थानों को संकेत दे दिए हैं कि वे फीस बढ़ा कर विद्यार्थियों के अभिभावकों पर बोझ नहीं डाल सकते। शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत सरकार से सहायता पाने वाले निजी स्कूलों को अपनी 25 प्रतिशत सीटें छह से 14 साल तक के गरीब बच्चों को मुफ्त देना होंगी। एक टीवी कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार स्कूलों के साथ मिल बढ़े खर्च का विश्लेषण करेगी और राह निकालेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 12वीं पंचवर्षीय योजना में आरटीई के लिए कई परियोजनाएं हैं। सरकार आरटीई को पूरी तरह लागू करने के लिए अगले पांच साल में 2.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसमें सब कुछ ठीक हो जाएगा। इसके लिए निजी स्कूलों को अपने अन्य संसाधनों को खंगालना होगा।
सिब्बल ने कहा कि कारपोरेट जगत में कई संस्थाएं अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आ रही हैं। उनकी मदद आरटीई में ली जा सकती है। अत: स्कूलों के पास कई रास्ते हैं कि वे बढ़े खर्चों को अभिभावकों के कंधे पर न डालें। बोर्डिंग स्कूलों को आरटीई के दायरे से क्यों बाहर खा गया? इस पर उन्होंने कहा कि वहां का माहौल पूरी तरह अलग है और वे कक्षा छह से शुरू होते हैं। एजेंसी
लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर सरकार के पास इन्हें आरटीई दायरे में लाने की कुछ सकारात्मक योजनाएं रहीं, तो विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमीर-गरीब के बीच खाई बढ़ रही है। इसे पाटने की आवश्यकता है। सिब्बल के अनुसार सरकार के लिए संभव नहीं कि हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा दे सके, इसलिए सरकारी सहायता पाने वाले निजी स्कूलों को इस दिशा में साथ लिया गया है। शिक्षा की तरह समान स्वास्थ सेवाएं भी मुहैया कराने की दिशा में क्यों काम नहीं हो रहा, तो उन्होंने कहा कि यह देखना स्वास्थ्य मंत्री का काम है। (एजेंसी)

News : Amar Ujala
Monday, April 16, 2012

UPTET : टीईटी संघर्ष मोर्चा ने निकाला कैंडल मार्च

मुरादाबाद। टीईटी संघर्ष मोर्चा ने टीईटी परीक्षा को निरस्त करने की सरकार की मंशा के विरोध में अंबेडकर पार्क से कैंडल जुलूस निकाला। इन्होंने मुख्य सचिव को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कहा कि टीईटी की परीक्षा लगभग दस लाख परीक्षार्थियों ने दी। आरोप है कि इसमें 4500 ने व्हाईटनर का प्रयोग किया। यह कुल परीक्षार्थियों का एक प्रतिशत भी नहीं है। फिर भी इसे आधार बनाकर परीक्षा निरस्त कराने की चर्चा है। यह अन्य के साथ अन्याय है। ज्ञापन में टीईटी परीक्षा के साथ न्याय से कार्रवाई करने व उत्तीर्ण परीक्षार्थियों का शीघ्र समायोजन कराने की मांग की है।

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टीईटी पास अभ्यर्थियों ने कैंडल मार्च निकाला

•डीएम को ज्ञापन नियुक्ति की मांग
रामपुर। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बढ़ते अवसाद से हुई दो लोगों की मौत पर शोक जताया। कैंडल मार्च निकालकर श्रद्धांजलि दी। साथ ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ईटीई उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंबेडकर पार्क में एकत्र हुए। उन्हंोंने कैंडिल मार्च निकाला। अवसाद से मरने वालों को श्रद्धांजलि दी। डीएम के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा, इसमें कहा कि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी पांच महीने से भर्ती प्रक्रिया के लंबित होने से मानसिक अवसाद में जी रहे हैं। दो अभ्यर्थी संत कबीरनगर के अंगद चौरसिया और बुलंदशहर के महेंद्र सिंह की मौत हो गई। शीघ्र हस्तक्षेप कर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग की। इस मौके पर अख्तर अली, गुरपाल सिंह, महेंद्र पाल, संजीव, सुनील सिंह, मुहम्मद सलीम, रेहान रजा खां, जयसिंह राजपूत, शंकर लाल, बादाम सिंह, राजीव सक्सेना मौजूद रहे।
दूसरी तरफ भारत समाज सेवा समिति के मुरादाबाद मंडल के अध्यक्ष बनै सिंह ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर टीईटी पास अभ्यर्थियों की जिलेवार सूची जारी करने की मांग की।
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UPTET Sambhal : कैंडिल मार्च से श्रद्धांजलि

•टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग
•इस मुद्दे पर हुई थी दो की मौत

संभल। टीईटी संघर्ष मोर्चा की बैठक में शीघ्र नियुक्ति शुरु करने की मांग की गई। परीक्षा निरस्त होने की सूचना पर दो अभ्यर्थियों की मौत पर कैंडिल मार्च निकालकर श्रद्धांजली दी गई। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग की गई।
नगर के शहीद भगत सिंह पार्क में संपन्न टीईटी पास अभ्यर्थियों की बैठक में टीईटी परीक्षा निरस्त नहीं करने की मांग करते हुए विज्ञापन के अनुसार शिक्षकों की भर्ती शुरु कराने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि अभ्यर्थियों ने कड़ी मेहनत कर परीक्षा उत्तीर्ण की है। भर्ती प्रक्रिया में देरी होने से अभ्यर्थी घोर मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। टीईटी पास करने वाले कुछ अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनकी आयु सीमा समाप्त होने वाली है। यदि भर्ती रद्द होती है, तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इसके बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों ने परीक्षा निरस्त होने की सूचना पर आनंद चौरसिया एवं महेंद्र नामक टीईटी पास अभ्यर्थियों को श्रद्धांजली देते हुए भगत सिंह पार्क से कैंडिल मार्च निकाला। जो चंदौसी चौराहा होते हुए उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। 
यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी कार्यालय में देकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया। इसमें महिपाल सिंह, मुहम्मद तसलीम, मिनजार उल्ला खां, जावेद अख्तर, अंशुल सक्सेना, अमित गुप्ता, अफजल हुसैन, तौकीर अहमद, कमल सिंह, नरेश कुमार, मोनू, गुफरान अहमद, हरमेश कुमार, सुनील कुमार, प्रवीण कुमार, ओमवीर सिंह, प्रेमपाल सिंह, मुहम्मद हिलाल, मुहम्मद अजीम, फहीम बाबू, दानिश अली, महफूज हुसैन आदि मौजूद थे।
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UPTET Saharanpur : शिक्षक बनने तक जारी रहेगा संघर्ष

सहारनपुर। टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा की ओर से गांधी पार्क में रविवार को हुई बैठक में टीईटी अभ्यर्थियों ने कहा कि वे जिंदगी रहने तक टीचर बनने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
मोर्चा के संयोजक संजय कुमार और मनोज यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया में शामिल दो अभ्यर्थियों बुलंदशहर निवासी महेंद्र सिंह और संत कबीरनगर निवासी अंगद चौरसिया की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पता चला है कि टीईटी की चयन प्रक्रिया को लेकर बार बार हो रहे अवरोधों के कारण ये अभ्यर्थी काफी आहत थे। इसके चलते ही उनकी जान चली गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को ऐसी घटनाओं के बाद टीईटी अभ्यर्थियों के भविष्य के बारे में जल्द ही निर्णय लेना चाहिए।
बैठक में संरक्षक प्रदीप धीमान, प्रदीप पोडवाल, विनय, शराफत अली आदि मौजूद थे।

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UPTET Merrut : कैंडल मार्च निकाला

UPTET Chitrakoot : साथी की याद में कैंडिल मार्च

कैंडल मार्च निकालते टीईटी अभ्यर्थी
Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates

चित्रकूट। रविवार को टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा ने कैंडिल मार्च निकाल कर संत कबीर नगर के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी अंगद चौरसिया की मृत्यु पर श्रद्धांजलि दी। कैंडिल मार्च के पहले हुई श्रद्धांजली सभा में सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा।
मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चंद्रभूषण पटेल व जिला कोषाध्यक्ष विमल गुप्ता व रवि ने कहा कि उप्र की सरकारें तो बदले की भावना से काम करती हैं इसके पहले माया सरकार ने भी पुलिस की भर्ती को निरस्त कर दिया था। लेकिन अंतत: नुकसान तो जनता का ही होता है। मोर्चा के अध्यक्ष श्यामलाल ने कहा कि इसी तरह से बुलंदशहर के टीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी ने हताशा में ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश की लेकिन विधाता ने उनके दोनो पैर ही ले लिए। अंगद को भी तनाव था। आलोक कुमार ने कहा कि सरकारें चेत नहीं रही हैं। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है लेकिन सरकारें भरना नही चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों का यह रवैया आने वाली कई पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। सभा में मोर्चा के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर शोक संतप्त परिवारों को संबल देने के लिए प्रार्थना किया। कैंडिल मार्च में आभास माथुर, जयप्रकाश, रामहित, दयाशंकर, बुद्धविलास, भानु प्रताप, पुष्पराज, वीरेंद्र, सुशील, त्रिभुवन, भरत, विनय, राम स्वरूप, आलोक रहे।
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UPTET Kanpur: कैंडिल मार्च निकालकर शोक जताया
अकबरपुर कस्बे में कैंडिल मार्च निकालते टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी

रमाबाई नगर। टीईटी उत्तीर्ण छात्रों ने संत कबीर नगर और बुलंद शहर में हुई साथियों की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त कर कैंडिल मार्च निकाला। मार्च के माध्यम से आवेदकों ने घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नौकरी की भी मांग की है। रविवार को अकबरपुर स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने शोक संवेदना व्यक्त की। सुधाकर अवस्थी ने कहा कि अंगद चौरसिया निवासी संत कबीर नगर, महेंद्र सिंह निवासी बुलंद शहर नौकरी न मिलने से मानसिक तनाव में आ गए थे।
इससे उनकी मौत हो गई। वह सब भी मानसिक तनाव में हैं। सरकार उनके हितों पर ध्यान नहीं दे रही है। मृत साथियों की आत्म शांति के लिए टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कैंडिल मार्च निकाला। इस मार्च में अमित, सुशील सविता, मनीष तिवारी, ललित द्विवेदी, रविशंकर, अंचल, अभय, अखिलेश, प्रदीप, गौरव, रंजना तिवारी, शिवशंकर शर्मा आदि मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (16.4.12)


UPTET Raibareli : जल्द शुरू हो शिक्ष्‍क भर्ती प्रकि्या, बैठक में टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने देरी पर जताया रोष्‍

रायबरेली में रविवार को विकास भवन परिसर में बैठक के दौरान नारेबाजी करके टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी।
Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates

रायबरेली। उत्तर प्रदेश टीईटी उत्तीर्ण एकता संघर्ष मोर्चा की रविवार को विकास भवन में बैठक हुई। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू न किए जाने पर आक्रोश जताते हुए प्रदेश सरकार को चेतावनी दी। कहा कि यदि अन्याय किया गया तो संघर्ष का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष शशांक त्रिवेदी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र न प्रारंभ की गई तो हक पाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। जावेद उस्मानी ने कहा कि किसी भी कीमत पर अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की प्रदेश में दो लाख से अधिक संख्या है। ऐसे में किसी भी तरह का उत्पीड़न प्रदेश सरकार को भारी पड़ सकता है। अवध किशोर मिश्र ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री युवा हैं, उन्हें बेरोजगार का दर्द पता होना चाहिए। बार-बार कोई न कोई अड़चन डाला जा रहा है। तकनीकी सहायक रामेंद्र, सतीश ने कहा कि संगठन को प्रदेश में भर में मजबूत किया जाएगा। अंत में टीईटी उत्तीर्ण अंगद चौरसिया और महेंद्र के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर राजकुमार, जितेंद्र, निशा, विकास, वंदना, ऊषा मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (16.4.12)


UPTET Maharajganj : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडिल मार्च

•प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
•जल्द तैनाती नहीं होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की चेतावनी 

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महराजगंज। टीईटी अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर रविवार को कैंडिल मार्च निकाला। इसमें प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त करने की मांग की गई।
टीईटी उत्तीर्ण एक संघर्ष मोर्चा संघ के जिलाध्यक्ष महेन्द्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में टीईटी पास अभ्यर्थी बीआरसी सदर परिसर में जुटे। वहां से जिला मुख्यालय तक कैंडिल मार्च निकाला। इसमें कहा गया कि हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने ब्याज पर ऋण लेकर परीक्षा दिया और फार्म भरा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि शासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिक स्कूलों में जल्द नियुक्ति करे। जिला महामंत्री मदन यादव ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में विलंब होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा। इस मौके पर राजकुमार पटेल, अवधेश, राजकुमार विश्वकर्मा, अखिलेश पटेल, रणजीत सिंह, विनय शंकर, प्रवीण, हरिप्रकाश गुप्ता, त्रिभुवन नाथ, मनोज प्रजापति, शेषमणि वर्मा, अमरेश वर्मा, राधेश्याम गौतम, जितेन्द्र सिंह, सुनील, दिलीप और विजय आदि मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET : टीईटी आवेदक अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

•समस्या का समाधान न होने से नाराजगी
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टीईटी उत्तीर्ण मोर्चा की बैठक जूनियर हाईस्कूल कसया में शनिवार को हुई। इसमें निर्णय लिया गया कि टीईटी आवेदकों की समस्याओं का निदान कराने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। अध्यक्षता कर रहे संगठन के फाजिलनगर ब्लाक अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि टीईटी उत्तीर्ण आवेदकों की दिक्कत पर सरकार गंभीर नहीं है। ऊहापोह की स्थिति के चलते अब तक दो आवेदकों की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया। 
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं बचा है। बैठक में महेश सिंह, मोविन सिद्दीकी, शंभूनाथ चौहान, योगेंद्र शर्मा, अरुणेश चौबे, व्यास सिंह, मनोज यादव, हरिद्वार सिंह, आबिद अली, क्षमा गुप्ता, आदित्य पांडेय, सत्या, मधुबाला, रश्मि त्रिपाठी समेत अन्य लोग भी मौजूद थे।


News : Amar Ujala (16.4.12)
UPTET : टीईटी-दो अभ्यर्थियों की शहादत पर श्रद्धांजलि, 
अभ्यर्थियों ने जलाई कैंडिल




गोरखपुर। टीईटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में हो रही देरी के कारण लखनऊ में हुए अनशन के दौरान दो अभ्यर्थियों की मृत्यु के लिए अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पंतपार्क में हुई बैठक के बाद शाम छह बजे अभ्यर्थियों की शहादत पर टाउनहाल गांधी प्रतिमा के समक्ष कैंडिल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई । टीईटी उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को टाल रही है। इसके सदमे में आकर अभ्यर्थी मौत के गाल में समाते चले जा रहे हैं। दो अभ्यर्थियों अंगद चौरसिया और महेंद्र कुमार की शहादत ने मजबूत बना दिया है। समय रहते यदि सरकार नहीं चेती तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष मिश्र ने किया कि प्राथमिक विद्यालयों में चार लाख शिक्षकों के पद खाली है।
 यदि शीघ्र नियुक्ति नहीं हुई तो प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर आमरण अनशन किया जाएगा। इस अवसर पर शिवम श्रीवास्तव, प्रवीण कुमार सिंह ‘प्रभुजी’, आनंद कुमार, शंभू यादव, प्रभात शुक्ल, मनोज चौबे, कुसुम पांडेय, संतोष शर्मा, सुरेश मद्देशिया, सहित कई लोग उपस्थित रहे ।


News : Amar Ujala (16.4.12)


UPTET Shanjapur : कैंडिल मार्च निकालकर दी साथियों को श्रद्धांजलि
टीईटी संघर्ष मोर्चा ने उठाई भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने की मांग
खिरनीबाग के रामलील मैदान में जुटेEntire UP filled with candle march of UPTET Candidates

शाहजहांपुर। यूपी टीईटी संघर्ष मोर्चा ने संत कबीर नगर और बुलंदशहर के दो साथियों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और कैंडिल मार्च निकालकर शोक संवेदना व्यक्त की।
मोर्चा के अध्यक्ष सतीश सिंह और महामंत्री मनोज शर्मा के नेतृत्व में तमाम टीईटी धारक रविवार शाम खिरनीबाग स्थित रामलीला मैदान में एकत्र हुए। वहां उन्होंने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर संत कबीर नगर के अंगद चौरसिया और बुलंदशहर के महेंद्र सिंह के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की और पिछले कई माह लंबित भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग भी उठाई। इसके बाद सभी ने बैनर के साथ कैंडिल मार्च निकाला, जो सदर बाजार होते हुए शहीद उद्यान में खत्म हुआ। यहां सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। श्रद्धांजलि सभा और कैंडिल मार्च में सिकंदर अली, संतोष पाल, लईक अहमद, हसीब, अमित कश्यप, हरि किशोर दीक्षित, राहुल प्रियदर्शी, प्रेमपाल, विनोद, दीप जोशी, योगेंद्र शुक्ला, रोहित सक्सेना, रवींद्र वर्मा आदि शामिल रहे।


News : Amar Ujala (16.4.12)

UPTET Firozabad : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला कैंडल मार्च

सरकार से भर्ती प्रक्रिया पर ठोस कदम उठाने की मांग
 Entire UP filled with candle march of UPTET Candidates



फीरोजाबाद। अपने साथियों की मृत्यु की आत्म शांति तथा उनके परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने के साथ टीईटी भर्ती प्रक्रिया पर सरकार द्वारा जल्द निर्णय लेने की मांग को लेकर टीईटी अभ्यर्थियों ने रविवार को कैंडल मार्च निकाला। यूपीटीईटी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गांधी पार्क से आरंभ कैंडल मार्च में अभ्यर्थियों के हाथ में जलती मोमबत्ती और चेहरे पर प्रदेश सरकार के खिलाफ गुस्सा झलका। गांधी पार्क, छिंगामल बाग, सिनेमा चौराहा, सदर बाजार होते हुए अभ्यर्थियों का जुलूस घंटाघर चौराहा पर संपन्न हुआ। इस मौके पर संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष धर्मवीर भारती ने कहा उनके दो साथी संत कबीर नगर निवासी अंगद चौरसिया और बुलंदशहर निवासी महेंद्र की मौत टीईटी भर्ती प्रक्रिया में विलंब की वजह से हुई है। मानसिक तनाव अभ्यर्थियों पर हावी हो गया है। अपने अंधकारमय भविष्य के प्रति चिंतित अभ्यर्थियों की सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है। लिहाजा अब आंदोलन के लिए उतारू होना पड़ रहा है। उन्होंने साथियों के अभिभावकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ टीईटी भर्ती प्रक्रिया में ठोस और सकारात्मक कदम उठाने की मांग उठाई। इस अवसर पर अमित कुमार, अंबरीश शर्मा, महेश पासवान, मुकेश पिटौरा, अनुज कुमार आदि कई अभ्यर्थी मौजूद रहे।

News : Amar Ujala (16.4.12)

बीएड धारकों को मिले छूट 31 मार्च, 2015   तक 
(UPTET : CM Demanded from PM , B. Ed candidates recruitment for primary level upto 31 March 2015 )

मुख्यमंत्री ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक योग्यता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से पैदा स्थिति को भी प्रधानमंत्री के सामने उठाया है। प्रदेश में लगभग 2.86 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। हर साल 15 हजार और रिक्त होने का आकलन है। प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीसी) ने बीएड धारकों को छह माह का प्रशिक्षण देकर एक जनवरी, 2012 तक शिक्षक पद पर नियुक्ति की छूट दी थी। कानूनी अड़चनों के चलते यह काम पूरा नहीं हो सका। लिहाजा मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इस छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2015 तक करने की गुहार की है।


See Here for info :  http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=57 (Page 4)

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यूपी के विकास में भूमिका निभाए केंद्र

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में महीने भर पहले बदली सरकार और मुख्यमंत्रियों में फर्क का एहसास शनिवार को शायद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी हुआ हो। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तैयारी के साथ दिल्ली आए। 80 हजार करोड़ के एकमुश्त पैकेज की पिछली सरकार की गोलमोल मांग से ठीक विपरीत अखिलेश के पास एक नपी-तुली फेहरिस्त थी। जिसके आधार पर प्रदेश के विकास में केंद्र से हिस्सेदारी मांगी गई थी। प्रधानमंत्री ने मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने बाद में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री से पहली औपचारिक मुलाकात में शनिवार को अखिलेश ने न केवल केंद्र से अपेक्षा रखी, बल्कि परोक्ष रूप से अपनी सरकार की तात्कालिक वरीयता भी स्पष्ट कर दी। प्रदेश में बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, दलितों-पिछड़ों को छात्रवृत्ति, ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, कृषि, उर्वरक, शहरी सुविधाएं, पर्यटन और बुंदेलखंड व पूर्वाचल मुख्यमंत्री की सर्वोच्च वरीयता में हैं। सबके लिए ही उन्होंने केंद्र से यथोचित सहायता मांगी। मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव राकेश गर्ग और अपने अन्य आला अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बारे में मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा-'प्रदेश के विकास से संबंधित सारे जरूरी मुद्दों पर बात हुई है। प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है।' उन्होंने पूर्वाचल में जापानी इंसेफ्लाइटिस और एक्यूट इंसेफ्लाइटिस के इलाज के लिए केंद्रीय मदद का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी का संक्रमणकाल शुरू होने में दो महीने ही रह गए हैं, इसलिए टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय जल्द होना चाहिए। इलाहाबाद के कुंभ मेले के खर्च में केंद्र 30 प्रतिशत मदद देता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने की मांग की है। प्रदेश में पीक ऑवर में बिजली की 2000 मेगावॉट की कमी है। मुख्य वजह कोयले की कमी है। बिजली के मद में ही उन्होंने केंद्र सरकार विश्व बैंक की क्लीन टेक्नोलॉजी फंड से पांच हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दिलाने में मदद मांगी है। बुंदेलखंड व पूर्वाचल के पिछडे़पन को दूर करने की बाबत 13वें वित्त आयोग ने चार वर्षो के लिए 150 करोड़ की मंजूरी दी थी। इसे 300 करोड़ करने की मांग है। बुंदेलखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना में गांव की 500 की आबादी के मानक को कम करके 250 करने का सुझाव भी दिया गया है। 
साथ ही जेएनएनयूआरएम का फंडिंग पैटर्न बदलने की बात कही गई है। इसके अलावा आसानी से उर्वरकों की उपलब्धता के लिए गुरसहायगंज, कासगंज, सिराथू,कर्वी, बागपत, बरुवासुमेरपुर, फफूंद, राब‌र्ट्सगंज, और जरवल रोड रेलवे स्टेशन पर रेलवे प्वाइंट विकसित करने की मांग की गई है।

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